चंद्रयान-5 के लिए सरकार ने दिया ISRO को अप्रूवल

ISRO का चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा था। इससे चंद्रमा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई थी

चंद्रयान-5 के लिए सरकार ने दिया ISRO को अप्रूवल

इस मिशन में लगभग 350 किलोग्राम के रोवर का इस्तेमाल किया जा सकता है

ख़ास बातें
  • चंद्रयान-5 मिशन में लगभग 350 किलोग्राम के रोवर का इस्तेमाल हो सकता है
  • इस मिशन में जापान का भी सहयोग लिया जाएगा
  • इससे पहले ISRO ने चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी शुरू की है
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में स्पेस से जुड़े मिशंस में भारत ने काफी प्रगति की है। इसमें चंद्रयान-3 मिशन की सफलता महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को चंद्रयान-5 मिशन के लिए भी अप्रूवल दिया है। ISRO के चेयरमैन,  V Narayanan ने इसकी पुष्टि की है। 

यह मिशन चंद्रमा पर वातावरण और अन्य स्थितियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकता है। भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर ह्युमन मिशन भेजने का है। चंद्रयान-5 मिशन में लगभग 350 किलोग्राम के रोवर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मिशन में जापान का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे पहले ISRO ने चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी शुरू की है। इस मिशन में चंद्रमा से सैम्पल एकत्र कर धरती पर लाए जाएंगे। पिछले वर्ष चंद्रयान-4 मिशन को सरकार की ओर से स्वीकृति दी गई थी। 

ISRO का चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा था। इससे चंद्रमा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई थी। चंद्रयान-4 का कुल भार लगभग 9,200 किलोग्राम का होगा। यह चंद्रयान-3 की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। इसका साइज अधिक होने की वजह से दो लॉन्च व्हीकल मार्क- III (LVM 3) रॉकेट्स का इस्तेमाल जरूरी है। ये रॉकेट पांच विभिन्न मॉड्यूल्स को धरती के ऑर्बिट में ले जाएंगे, जहां चंद्रमा की यात्रा से पहले इन मॉड्यूल्स की डॉकिंग की जाएगी। ISRO ने बताया है कि इनमें से चार मॉड्यूल चंद्रमा की ओर जाएंगे और दो मॉड्यूल की लैंडिंग होगी। एक मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर रहेगा और दूसरा सैम्पल वापसी धरती पर लाएगा। 

यह सैम्पल को धरती पर लाने का भारत का पहला मिशन है। इससे स्पेस रिसर्च में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताएं बढ़ेंगी। आगामी वर्षों में ISRO की कुछ बहुत महत्वपूर्ण मिशंस को लॉन्च करने की तैयारी है। इनमें Gaganyaan मिशन भी शामिल है। इस मिशन में एस्ट्रोनॉट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन को अगले वर्ष लॉन्च करने की तैयारी है। ISRO को अंतरिक्ष में 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' बनाने की भी जिम्मेदारी दी गई है। हाल ही में ISRO ने अपना 100वां मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन में आंध्र प्रदेश के Sriharikota के स्पेसपोर्ट से नेविगेशन सैटेलाइट एक GSLV रॉकेट से लॉन्च हुआ था। यह भारतीय उपमहाद्वीप में यूजर्स को सटीक पोजिशन, वेलोसिटी और टाइमिंग उपलब्ध कराने के लिए नेविगेशन विद द इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) सीरीज में दूसरा सैटेलाइट है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. UPI से 2,000 रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने से सरकार ने किया इनकार
  2. भारत में लॉन्च से पहले लीक हुई Oppo A5 Pro 5G की कीमत, 5800mAh बैटरी, 8GB रैम के साथ आएगा!
  3. OnePlus Pad 2 Pro टैबलेट 16GB रैम के साथ जल्द होगा लॉन्च! Geekbench स्कोर हुआ लीक
  4. चावल से भी छोटी, रफ्तार बिजली जैसी! चीन की नई मेमोरी ड्राइव ने उड़ा दिए टेक वर्ल्ड के होश
  5. Motorola की G86 के लॉन्च की तैयारी, मिल सकती है ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  6. WhatsApp में फालतू नहीं बर्बाद होगा डेटा, डाउनलोड होने वाली मीडिया की क्वालिटी यूजर तय करेंगे!
  7. Redmi Turbo 4 Pro के स्पेसिफिकेशंस और कीमत का खुलासा, जानें सबकुछ
  8. Motorola के Razr 60 Ultra में हो सकता है 7 इंच का मेन डिस्प्ले
  9. OnePlus 13T कैमरा स्पेसिफिकेशंस, सैंपल हुए लॉन्च से पहले जारी, जानें सबकुछ
  10. प्रधानमंत्री मोदी ने Tesla के चीफ Elon Musk से की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर चर्चा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »