अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) अपने मून मिशन को लेकर गंभीरता से काम कर रही है। नासा ने पिछले साल आर्टिमिस-1 (Artemis 1) मिशन को लॉन्च किया था। यह मिशन शुरुआत है नासा के उस मकसद की, जिसके तहत अंतरिक्ष यात्रियों को एक बार फिर से चंद्रमा की सतह पर उतारने की योजना है। मून मिशन को सफल बनाने के लिए नासा हर एक चरण पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में उसने एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) को अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस सूट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिस स्पेस सूट को पहनकर अंतरिक्ष यात्री अगले कुछ साल में चंद्रमा पर लैंड कर सकते हैं, उसका प्रोटोटाइप सामने आया है।
बुधवार को कमर्शल स्पेससूट के एक प्रोटोटाइप को अनवील किया गया। इस स्पेससूट को एक्सिओम स्पेस ने डिजाइन किया है। सब कुछ ठीक रहा और स्पेससूट
नासा की उम्मीदों पर खरा उतरा, तो अंतरिक्ष यात्री इसे पहनकर चंद्रमा पर उतर सकते हैं।
नेक्स्ट जेनरेशन स्पेससूट के बारे यूट्यूब पर बोलते हुए एक्सिओम स्पेस के प्रेसिडेंट और सीईओ माइक सुफ्रेडिनी ने कहा कि हम एक एडवांस्ड स्पेससूट को डिजाइन करके नासा की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पेससूट अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर सुरक्षित तरीके से काम करने के काबिल बनाएगा। खास यह भी है कि जो स्पेससूट तैयार किया जा रहा है, वह चंद्रमा के साउथ पोल की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा। सूट बनाने वाले इंजीनियर यह समझ पाएंगे कि चंद्रमा पर लंबे समय तक रुकने के लिए सूट में किन बदलावों की जरूरत हो सकती है।
नासा ने पिछले साल ही एक्सिओम स्पेस को इस काम के लिए फंड दिया था। इस स्पेससूट को एक्सिओम एक्स्ट्रावेहिकुलर मोबिलिटी यूनिट (एक्सईएमयू) कहा जा रहा है। दावा है कि इसे पहनने के बाद अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के मुश्किल वातावरण में सुरक्षित तरीके से काम कर पाएंगे और रिसर्च से जुड़े अभियानों को आगे बढ़ाएंगे।
स्पेससूट की खूबियां
जानकारी के अनुसार, एक्सिओम के स्पेससूट में गर्मी को रिफ्लेक्ट करने के लिए सफेद आउटर लेयर होगी। बुधवार को जिस प्रोटोटाइप को दिखाया गया, उसमें सूट की कई खूबियों को छुपाया गया था। अभी तक की योजना के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी साल 2025 में आर्टिमिस-3 मिशन को लॉन्च कर सकती है। उस मिशन के साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, जिसमें महिला अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगी।