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पृथ्‍वी पर अपना संदेश भेजने के लिए एलियंस कर सकते हैं ‘क्‍वांटम कम्‍युनिकेशन’ का इस्‍तेमाल, जानें इसके बारे में

फ‍िजिकल रिव्‍यू डी में यह रिपोर्ट पब्लिश हुई है। यह बताती है कि क्‍वांटम कम्‍युनिकेशन का इस्‍तेमाल करके अंतरतारकीय (interstellar) मैसेज भेजना मुमकिन है।

पृथ्‍वी पर अपना संदेश भेजने के लिए एलियंस कर सकते हैं ‘क्‍वांटम कम्‍युनिकेशन’ का इस्‍तेमाल, जानें इसके बारे में

रिसर्च कहती है कि इंसानों को ऐसे मैसेज डिकोड करने के लिए एक पावरफुल क्वांटम कंप्यूटर की जरूरत होगी।

ख़ास बातें
  • इस तकनीक में मैसेज को प्रकाश कण फोटोंस में डाला जाता है
  • फ‍िर मैसेज को ट्रांसमीट किया जाता है
  • रिसर्च कहती है कि अगर एलियंस बुद्धिमान हैं, तो वह ऐसा कर सकते हैं
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एलियंस को लेकर जितनी भी रिसर्च चल रही हैं और अबतक जो जानकारी सामने आई है, उससे एक बात कन्‍फर्म हो जाती है कि तीसरी दुनिया का यह प्राणी बेहद समझदार हो सकता है। बुद्धिमत्ता के मामले में वह इंसान से भी आगे होगा। हालांकि ऐसा तब तक पुख्‍ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, जबतक इंसान और एलियंस का आमना-सामना ना हो जाए। फ‍िर भी हम अनुमान तो लगा ही सकते हैं। माना जा रहा है कि एक बुद्धिमान एलियन सभ्यता पृथ्वी पर क्वांटम मैसेज भेज सकती है।

स्‍टोरी पर आगे बढ़ें, उससे पहले क्‍वांटम मैसेज क्‍या होते हैं, यह समझ लेना चाहिए। इसके लिए इसरो (ISRO) की उस तकनीक को जानना जरूरी है, जिसका प्रदर्शन इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने पिछले साल किया था। इसरो ने पिछले साल प्रकाश के कणों पर मैसेज को एक जगह से दूसरी जगह तक भेजने की तकनीक दिखाई थी। इसरो ने 300 मीटर की दूरी तक फ्री स्‍पेस क्‍वांटम कम्‍युनिकेशन तकनीक को प्रदर्शित किया था। 

इस तकनीक में किसी मैसेज, फोटो या वीडियो को प्रकाश कण फोटोंस में डाला जाता है और एक ट्रांसमीटर की मदद से एक जगह से दूसरी जगह तक भेजा जा सकता है। रिसीवर भी मैसेज को खास तरीके से ही हासिल कर पाता है। अनुमान है कि एलियंस भी इसी तरह से मैसेज भेज सकते हैं। फ‍िजिकल रिव्‍यू डी में यह रिपोर्ट पब्लिश हुई है। यह बताती है कि क्‍वांटम कम्‍युनिकेशन का इस्‍तेमाल करके अंतरतारकीय (interstellar) मैसेज भेजना मुमकिन है। इसका मतलब है कि एलियंस के संदेशों की तलाश में जुटे साइंटिस्‍ट क्‍वांटम मैसेज की तलाश भी कर सकते हैं।  

हालांकि अभी तक पृथ्‍वी पर इस तरह का कम्‍युनिकेशन पूरी तरह विकसित नहीं हो पाया है। भौतिक विज्ञानी अर्जुन बेरेरा कहते हैं कि अगर बुद्धिमान एलियंस वहां हैं, तो उन्होंने क्वांटम कम्‍युनिकेशन को अपनाया होगा। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के अर्जुन बेरेरा और उनकी साथी भौतिक विज्ञानी जैम काल्डेरोन फिगेरोआ ने अपनी रिसर्च में यही कैलकुलेट किया है। उनका अनुमान है कि एक्स-रे फोटॉन एक बड़ी अंतरतारकीय दूरी तय कर सकते हैं। 

फोटॉन मैसेज को किसी भी परेशानी का सामना करने की संभावना नहीं है, लेकिन इंसानों को उन्हें डिकोड करने के लिए एक पावरफुल क्वांटम कंप्यूटर की जरूरत होगी। रिसर्चर्स ने पाया कि एक्स-रे फोटॉन मिल्की-वे यानी हमारी आकाशगंगा को पार कर सकते हैं और संभावित रूप से सैकड़ों हजारों प्रकाश-वर्ष या उससे भी अधिक दूरी की यात्रा कर सकते हैं।
 
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