पिछले कुछ वर्षों में सायबर क्राइम के मामले बढ़े हैं। ऐसे अपराधों पर नियंत्रण के लिए बहुत से राज्यों में पुलिस की सायबर डिविजन भी बनाई गई हैं। हरियाणा में ऐसे 27,824 फोन नंबर्स की पहचान की गई है जिनका इस्तेमाल सायबर अपराधों के लिए किया जा रहा है। इन फोन नंबर्स को जल्द ब्लॉक किया जाएगा।
राज्य के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (क्राइम), ओ पी सिंह ने बताया कि इन फोन नंबर्स की पहचान सायबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर और कंप्लेंट पोर्टल के जरिए की गई है। इन फोन नंबर्स की डिटेल्स फील्ड यूनिट्स को भेजी गई हैं, जिससे इन्हें होम मिनिस्ट्री के तहत आने वाले सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के सायबरसेफ पोर्टेल पर अपलोड कर
ब्लॉक किया जा सकेगा। इन नंबर्स में से सबसे अधिक गुरूग्राम (7,142) के हैें। इसके बाद फरीदाबाद (3,896) है। राज्य के पंचकूला, सोनीपत, रोहतक, हिसार और अंबाला में जिलों में भी सायबर क्राइम के लिए इस्तेमाल हो रहे मोबाइल नंबर्स की बड़ी संख्या है।
इस वर्ष सितंबर तक राज्य में सायबर क्राइम की 47,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। हरियाणा में सायबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930, सायबर पुलिस स्टेशंस और कई पुलिस स्टेशंस में मौजूद 309 सायबर डेस्क पर ऐसी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। इस महीने की शुरुआत में गुरूग्राम के सायबर पुलिस सेल ने शहर के लोगों को ऐसे सायबर अपराधियों से बचने की सलाह दी है जो उनके SIM कार्ड को अपग्रेड करने के बहाने से उनके साथ
धोखाधड़ी करने की कोशिश कर सकते हैं।
लोगों से किसी टेलीकॉलर को वन-टाइम पासवर्ड (OTP) नहीं बताने के लिए कहा गया है क्योंकि इससे उनके बैंक एकाउंट से रकम निकाली जा सकती है। गुरूग्राम उन आठ शहरों में शामिल है जहां पहले फेज में 5G सर्विसेज शुरू की गई हैं। बहुत से राज्यों में पुलिस को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं जिनमें मोबाइल फोन पर आए लिंक को क्लिक करने पर उनके बैंक एकाउंट से रकम निकाल ली गई। गुरूग्राम में पुलिस की टीमें इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कॉलेजों, मॉल्स, ग्राम पंचायतों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जा रही हैं। गुरूग्राम में कुछ लोग ऐसे सायबर अपराधियों का निशाना बने हैं जिन्होंने उनके SIM को अपग्रेड करने के बहाने से धोखाधड़ी की है।
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