सेन फ्रांसिसको से बॉस्टन जा रही वर्जिन एयरलाइन्स की फ्लाइट में एक पैसेंजर की हरकत से आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई। दरअसल, उस पैसेंजर ने फ्लाइट के दौरान गैलेक्सी नोट7_1097 के नाम से वाई-फाई हॉटस्पॉट बना दिया था। बता दें कि ब्लास्ट होने की वजह से सैमसंग के इस समार्टफोन को सभी अमेरिकी फ्लाइट में ले जाने पर रोक है। हॉटस्पॉट का नाम इस विवादित फोन के नाम पर होने के कारण इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो गई।
बीबीसी की
रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे ही फ्लाइट के क्रू सदस्यों को
गैलेक्सी नोट7 नाम के वाई-फाई हॉटस्पॉट होने की जानकारी मिली, उन्होंने उस पैसेंजर को सीट के ऊपर वाले कॉल बटन को दबाने को कहा।
फ्लाइट के एक और पैसेंजर
लूकस वोजोश्वास्की के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है, "फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा कि यह मज़ाक नहीं है। हम लाइट ऑन करेंगे और सभी पैसेंजर के बैग को तब तक तलाशेंगे जब तक फोन ना मिल जाए।"
जब किसी भी पैसेंजर ने कॉल बटन नहीं दबाया तो पायलट को हस्तक्षेप करना पड़ा। उसने चेतावनी दी कि अगर किसी ने भी सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 होने की ज़िम्मेदारी नहीं ली तो फ्लाइट की आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ेगी।
इस घोषणा के बाद उस पैसेंजर ने मज़ाक की ज़िम्मेदारी ले ली। उसने माना कि फ्लाइट में कोई गैलेक्सी नोट7 फोन नहीं है। उसने बस वाई-फाई हॉटस्पॉट को यह नाम दिया है। लूकस वोजोश्वास्की ने बीबीसी को बताया कि इस हरकत के लिए ज़िम्मेदार पैसेंजर के खिलाफ एयरलाइंस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बीबीसी ने
दूसरे ट्विटर यूज़र के हवाले से रिपोर्ट में लिखा है कि इस वाकये के कारण बॉस्टन में कई फ्लाइट में देरी हुई और कुछ को रद्द भी कर दिया गया।
एक और ट्विटर यूज़र ने बताया कि उस पैसेंजर ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया होगा। अपना उदाहरण देते हुए उसने बताया कि गैलेक्सी नोट7 से गैलेक्सी एस7 में माइग्रेट करने के बाद भी वाई-फाई हॉटस्पॉट का नाम नोट7 वाला ही रह जाता है।
याद रहे कि गैलेक्सी नोट7 के ब्लास्ट होने की कई खबरें आने के बाद कंपनी ने इस फोन को बनाने का काम बंद करने का फैसला किया था। जिन डिवाइस को बेच दिया गया था, उन्हें कंपनी ने वापस मंगवा लिया।