आजकल सभी हैंडसेट निर्माता कंपनियां स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशन पर ही नहीं बल्कि उनके डिजाइन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं। ग्राहकों की उम्मीदों पर खरा उतरने और फोन को कूल लुक देने के लिए कंपनियां फोन के डिजाइन पर काम कर रही हैं।
Oppo F9 Pro के माध्यम से कंपनी ने कुछ हटके करने पर विचार किया है। Oppo F9 Pro का डिजाइन लोगों का ध्यान अपनी और खिंचता है। स्मार्टफोन खरीदते समय ग्राहक फोन के लुक या कह लीजिए डिजाइन और स्पेसिफिकेशन पर गौर करते हैं।
ग्राहकों की इसी बात को ध्यान में रखते हुए Oppo ने नॉच डिजाइन और शानदार बैटरी बैकअप वाले ओप्पो एफ9 प्रो को लॉन्च किया है। यह हैंडसेट क्विक चार्जिंग सपोर्ट के साथ आता है। ओप्पो की प्रतिद्धंदी कंपनी Xiaomi ने 20,000-30,000 रुपये के बजट में पोको एफ1 को लॉन्च कर दिया है। क्या Oppo F9 Pro मार्केट में मौजूद
Xiaomi Poco F1 से मुकाबला कर पाएगा या नहीं। साथ ही Oppo F9 Pro आपके लिए फायदे का सौदा है या नहीं। इन दो सवालों का जवाब आइए स्पेसिफिकेशन और कीमत के आधार पर समझते हैं।
Oppo F9 Pro का डिजाइन
ओप्पो एफ9 प्रो तीन फिनिश के साथ आता है। तीनों ही फिनिश मल्टी-कलर और अलग पैटर्न के साथ आते हैं। हमारे पास रिव्यू के लिए सनराइज रेड फिनिश हैंडसेट मौजूद है। बैक पैनल पर आपको डायमंड कट पैटर्न नजर आएगा। ट्विलाइट ब्लू वेरिएंट के बैक पैनल पर भी आपको इसी तरह का पैटर्न देखने को मिलेगा। लेकिन इस मॉडल के बैक पैनल के ऊपरी हिस्से में डार्क नेवी और निचले हिस्से में आपको लाइट ब्लू कलर का संचय देखने को मिलेगा। स्टेरी पर्पल वेरिंट के बैक पैनल पर ग्रेडिएंट फिनिश के साथ मेजेंटा-इंडिगो दो रंगों का इस्तेमाल हुआ है। तीनों ही वेरिएंट की मैटेलिक फिनिश बेहद चमकदार है। हमारे पास मौजूद सनराइज रेड वेरिएंटट के बैक पैनल की फिनिश चमकदार थी। बैक पैनल पर दिया डायमंड कट डिजाइन हमेशा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, ऐसा जरूरी नहीं है।
फोन को हाथ में पकड़ने का ढंग या फिर सही जगह पर लाइट पड़ने से डायमंड कट डिजाइन उभर कर सामने आता है। रिटेल बॉक्स में आपको ट्रांसपेंरेंट कवर मिलेगा जो रबर का बना है। फ्रंट पैनल पर नॉच डिजाइन दिया गया है। नॉच में आपको सेल्फी कैमरा दिखाई देगा। कंपनी ने इसे वाटरड्रॉप का नाम दिया है। Oppo ने बड़े ही चतुराई के साथ नॉच को डिजाइन के अनुसार कम किया है। फ्रंट कैमरे के ठीक ऊपर ईयरपीस फोन के मार्जन में दिया गया है। ब्लैक मार्जन के पीछे चारों और आपको मल्टी कलर बॉडी नजर आएगी। स्क्रीन के ऊपरी और निचले हिस्से में मौजूद बार्डर काफी छोटा है, कंपनी ने दावा किया है कि हैंडसेट में 90.8 प्रतिशत स्क्रीन-टू-बॉडी रेशियो है।
फोन का वजन 169 ग्राम है तो यह उठाने में भी आपको भारी नहीं लगेगा। हालांकि, फोन के सभी कोनो तक पहुंचने के लिए अंगूठे को थोड़ा स्ट्रेच करना पड़ेगा। ओप्पो का यह हैंडसेट डस्ट और पानी के छींटों से बचाने में सक्षम नहीं है। दाहिने तरफ पावर बटन, बायीं तरफ आवाज बढ़ाने और कम करने वाला बटन के साथ फिंगरप्रिंट सेंसर तक हाथ आसानी से पहुंचता है। हमें इस बात को देखकर हैरानी हुई कि कंपनी ने अपने इस हैंडसेट में टाइप-सी पोर्ट के बजाय माइक्रो-यूएसबी पोर्ट दिया है। बता दें कि यह ओप्पो के VOOC चार्जिंग के लिए जरूरी था। फोन के निचले हिस्से में 3.5 मिलीमीटर का हेडफोन जैक और सिंगल स्पीकर दिया गया है। फोन के बायीं तरफ सिम-ट्रे मिलेगी, इसमें दो नैनो सिम और कार्ड लगाने के लिए स्लॉट है।
Oppo F9 Pro के स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयर
जैसा कि हमने बताया कि Xiaomi Poco F1 को भी लॉन्च कर दिया गया है। पोको एफ1 मार्केट में मौजूद ओप्पो एफ9 प्रो को टक्कर देगा। दोनों ही हैंडसेट मिड-रेंज स्मार्टफोन हैं। Poco F1 के लॉन्च होने के बाद अब F9 Pro का हार्डवेयर हो सकता है आपको कुछ खास पसंद ना आए। ओप्पो एफ 9 प्रो में मीडियाटेक हीलियो पी60 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है। बता दें कि इसी प्रोसेसर का इस्तेमाल Oppo ने अपने नए सब ब्रांड रियलमी के पहले हैंडसेट
Realme 1 (
रिव्यू) में भी किया था। यह प्रोसेसर एआरएम माली-जी72 जीपीयू के साथ आता है। ओप्पो एफ9 प्रो को 6 जीबी रैम/ 64 जीबी वेरिएंट में लॉन्च किया गया है।
Oppo F9 Pro के साथ ही कंपनी ने Oppo F9 को भी लॉन्च किया था। ओप्पो एफ 9 में कंपनी ने 6 जीबी रैम नहीं बल्कि 4 जीबी रैम दी है। यह मॉडल फिलहाल स्टोर में उपलब्ध नहीं है, कंपनी ने इस बात से भी पर्दा नहीं उठाया है कि आखिर यह मॉडल किस तारीख से स्टोर पर मिलने लगेगा। चौंका देने वाली बात यह है कि ओप्पो के दोनों ही मॉडल में 4,000 रुपये का अंतर है। F9 Pro का प्रमुख फीचर इसमें दी गई 3500 एमएएच की बैटरी और VOOC फ्लैश चार्ज सपोर्ट है। चार्जर में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल हुआ है जो फोन को गर्म होने से बचाती है। रिटेल बॉक्स में मिलने वाला चार्जर और यूएसबी केबल का वजन ओप्पो के पुराने एक्सेसरीज की तुलना में भारी है। Oppo ने इस बात का दावा किया है कि पांच मिनट चार्ज करने पर यह हैंडसेट दो घंटे का टॉकटाइम बैकअप देता है।
Oppo ने अपने इस हैंडसेट में एलटीपीएस एलसीडी पैनल का इस्तेमाल किया है, जिस वजह से बैटरी की खपत कम होती है। F9 Pro में 6.3 इंच (1080x2340 पिक्सल) का डिस्प्ले है, इसका आस्पेक्ट रेशियो 19.5:9 है। कनेक्टिविटी के लिए यह हैंडसेट वाईफाई 802.11एसी, ब्लूटूथ वर्जन 4.2, जीपीएस और वोल्ट सपोर्ट के साथ आता है। हमारे पास रिव्यू के लिए जो हैंडसेट मौजूद है, वह जुलाई 2018 सिक्योरिटी पैच से लैस है। ओप्पो के यह हैंडसेट एंड्रॉयड ओरियो पर आधारित कलर ओएस 5.2 स्किन के साथ आता है।
होम स्क्रीन पर आइकन का साइज थोड़ा बड़ा है। हैंडसेट के पहले होम स्क्रीन के बायीं तरफ स्मार्ट असिस्टेंट स्क्रीन है। यहां आपको मौसम की जानकारी, स्टेप ट्रैकिंग, इवेंट आदि कई ऐप शॉर्टकट दिखाई देंगे। यदि आप इसे नीचे की तरफ खिचेंगे तो आपको सिस्टमवाइड सर्च का विकल्प दिखाई देगा। यह आईओएस में मौजूद फीचर से मिलता जुलता है। फ्लोटिंग पैनल की मदद से आप ऐप शॉर्टकट और स्क्रीनशॉट टूल को आसानी से एक्सेस कर पाएंगे। यदि आप इसका इस्तेमाल वीडियो देखते समय करते हैं तो कुछ ऐप्स फ्लोटिंग विंडोज की तरह लॉन्च होंगे।
सेटिंग्स ऐप में कई ऑप्शन दिए गए हैं। आप चाहें तो ऑन-स्क्रीन नेविगेशन बटन या फिर जेस्चर का इस्तेमाल कर सकते हैं। फोन में कई जेस्चर और शॉर्टकट मौजूद हैं। स्मार्ट ड्राइविंग मोड नोटिफिकेशन और कॉल को ब्लॉक कर देगा, लेकिन इसे आपको सेटिंग में जाकर एक्टिवेट करना होगा। या फिर जब आपका फोन कार के ब्लूटूथ से कनेक्ट होगा, यह फीचर तब भी काम करेगा। Oppo F9 Pro में फेस अनलॉक फीचर है, लेकिन इस फीचर को इस्तेमाल करने के लिए आपको पहले तो फोन के साइड में दिए पावर बटन पर क्लिक करना होगा। इससे आपके फोन के स्क्रीन ऑन हो जाएगी, इसके बाद स्क्रीन को नीचे से ऊपर की तरफ से खिंचना है, ऐसा करने से फ्रंट कैमरा शुरू हो जाएगा। ऐसा करने के बाद फोन आपके चेहरे को फ्रंट कैमरे की मदद से स्कैन कर लेगा। फोन में आपको थीम स्टोर भी मिलेगा, इसमें कुछ फ्री थीम और वालपेपर दिए गए हैं।
Oppo F9 Pro की परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ
एफ 9 प्रो में 6.3 इंच का डिस्प्ले है जो फुल एचडी+ रिजॉल्यूशन के साथ आता है। स्क्रीन के कलर ब्राइट और वाइब्रेंट हैं, साथ ही इसका व्यूइंग एंगल भी अच्छा है। फोन को बाहर (आउटडोर) इस्तेमाल करने पर हमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। नॉच डिजाइन और मुड़े हुए बार्डर की वजह से फुल स्क्रीन में वीडियो देखते समय ऐसा लगा कि यह वीडियो को हल्का सा क्रॉप कर रहा है। बिल्ट-इन स्पीकर कुछ खास अच्छा नहीं है, ऐसा इसलिए क्योंकि आवाज फटी-फटी सुनाई देती है। हमने जितनी बार भी म्यूजिक सुना हमें आनंद का अनुभव नहीं हुआ।
Oppo F9 Pro ने एंटूटू पर 137,739, गीकबेंच सिंगल-कोर टेस्ट में 1,348 और मल्टी-कोर टेस्ट में 5,305 स्कोर किया था। ग्राफिक्स स्कोर काफी निराशाजनक रहा, ऐसा इसलिए क्योंकि हैंडसेट ने 3डीमार्क स्लिंगशॉट एक्सट्रीम सीन में 1,078 स्कोर किया था। कम या कह लीजिए हल्के ग्राफिक्स वाले गेम्स को खेलते समय कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन पावरफुल ग्राफिक्स वाली गेम Asphalt 9:Legends चलाते समय थोड़ी समस्या जरूर हुई। यूआई और मेन्यू काम करते समय काफी धीमे नजर आए। PUBG खेलने के बाद अनुभव बेहतर रहा। यह गेम बिना अटके चली और हमे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। हमने नोटिस किया कि पावरफुल गेम लोड होने के बाद ऊपरी रियर हिस्सा गर्म होने लगता है। अगर आप लेटेस्ट और पावरफुल ग्राफिक्स वाली गेम्स खेलने के शौकीन हैं तो यह हैंडसेट आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित नहीं होगा।
Oppo F9 का कैमरा
ओप्पो का कैमरा ऐप काफी हद तक आईओएस ऐप की तरह है। निचले हिस्से में मौजूद मेन मोड रिबन में स्टैंडर्ड फोटो और वीडियो के अलावा आपको टाइम लैप्स, स्लो-मोशन, पोर्ट्रेट, स्टिकर, पैनो और एक्सपर्ट मोड मिलेगा। पोर्ट्रेट मोड बार-बार हमें हमारे सब्जेक्ट से कभी दूर लाता तो कभी पास लाता नजर आया। कैमरा ऐप में माइलड फ्लिटर से ज्यादा आपको लाइटिंग इफेक्ट देखने को मिलेंगे। स्टैंडर्ड फोटो मोड में गूगल लेंस इंटीग्रेशन के साथ ब्यूटिफिकेशन, फिल्टर और आस्पेक्ट रेशियो के विकल्प मिलेंगे। फ्रंट कैमरा से डेप्थ इफेक्ट क्रिएट किया जा सकता है, लेकिन तस्वीर आपको वास्तविक या कह लीजिए नेचुरल नहीं लगेगी। ब्यूटीफिकेशन मोड एआई पर पहले से ही सेट मिलेगा। घर में ली गई तस्वीरें प्रभावशाली नहीं थी। दिन की रोशनी में हमने पाया कि कैमरा ऐप किसी भी वस्तु या व्यक्ति पर तेजी से फोकस करता है।
हमारे द्वारा ली गई तस्वीरों में सभी चीजें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी और इनमें कलर की मात्रा सही थी। पोर्ट्रेट मोड में फोरग्राउंड और बैकग्राउंड के बीच का अंतर समझने के लिए कैमरा ऐप कुछ सेकेंड लेता है। लेकिन हमें स्क्रीन पर इफेक्ट दिखाई दिया, जिसके बाद हमने इस बात का निर्णय लिया कि किस वक्त हमें पिक्चर क्लिक करनी है। दिन की रोशनी की तुलना में रात में फोकस सटीक ढंग से काम नहीं करता। यदि आप किसी चलते हुए व्यक्ति की तस्वीर लेते हैं तो तस्वीर काफी ब्लर या कह लीजिए धुंधली नजर आती है। हमारे द्वारा ली गई ज्यादातर तस्वीरों में लाइट पर्याप्त मात्रा में है। यदि फोन में तस्वीरों को देखा जाए तो ठीक है लेकिन फुल साइज में देखने पर तस्वीर सही नहीं लगती।
Oppo अपने सेल्फी कैमरे के लिए जाना जाता है, लेकिन इस स्थिति में ओप्पो एफ9 प्रो का फ्रंट कैमरा हमें उतना प्रभावशाली नहीं लगा। फ्रंट कैमरा से तस्वीर लेने पर चेहरा शॉर्प और बैकग्राउंड में मौजूद चीजें सही से कैप्चर नहीं होती। एज डिटेक्शन सही ढंग से काम करता है। रात में ली गई सेल्फी में दाने-दाने (ग्रेनी) जैसे नजर आ रहे थे। रियर कैमरा से वीडियो रिकॉर्डिंग करते समय आपको 720p और 1080p दो विकल्प मिलेंगे। हमने फोक्स को अपने आप ऑटो-फोकस होते हुए कई बार देखा। ओप्पो एफ9 प्रो के कैमरे ने हमें हताश किया है।
हमारा फैसला
Oppo F9 Pro ने हमें साल 2000 की याद दिला दी जब Nokia, Samsung, Sony Ericsson और अन्य कंपनियां कल्पनाशील डिजाइन लेकर मार्केट में अपने हैंडसेट उतारती थी। आजकल कुछ ही कंपनियां हैं जो फोन के कलर, पैटर्न, शेप और मटेरियल में बदलाव को लेकर रिस्क लेती हैं। अगर रेड और पर्पल रंग का यह फोन आपकी उम्मीदों पर खरा उतरता है तो बेशक आप इसे खरीद सकते हैं। Oppo F9 Pro की बैटरी लाइफ अच्छी है और कुल मिलाकर हमारा अनुभव ठीक रहा। फोन का कैमरा औसत है। लेकिन यह हैंडसेट एक बेहतरीन विकल्प शायद साबित ना हो। हमें इस कीमत में मेटल बॉडी, वेदरप्रूफिंग और वीडियो स्टेबलाइजेशन ही केवल पसंद आया। हमारा सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ग्राहक डिजाइन को परफॉर्मेंस से ज्यादा प्राथमिकता देते हुए हैंडसेट खरीदना पसंद करते हैं या नहीं। Oppo F9 की भारत में कीमत एफ 9 प्रो की तुलना में 4,000 रुपये कम है। यह हैंडसेट पैसा वसूल हैंडसेट साबित हो सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि यूजर्स 6 जीबी के बजाय 4 जीबी रैम से भी संतुष्ट होते हैं।