केनालिस ने भारतीय स्मार्टफोन मार्केट के लिए 2016 की पहली तिमाही के आंकड़ें जारी किए हैं। इस विश्लेषण में पाया गया है कि इस दौरान देश के टॉप 10 वेंडरों में लेनोवो और ऐप्पल को सबसे ज्यादा फायदा हुआ।
केनालिस के मुताबिक, मार्केट में हैंडसेट उपलब्ध कराए जाने के लिहाज से भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान 24.4 मिलियन यूनिट मार्केट में उपलब्ध कराए गए। इस तिमाही में सैमसंग, माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लेनोवो और लावा एक बार फिर टॉप 5 वेंडर बने रहे। इनमें से लेनोवो ने सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हासिल की। पिछले साल की तुलना में लेनोवो ने 63 फीसदी का ग्रोथ दर्ज किया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लेनोवो की इस परफॉर्मेंस के पीछे ''वैल्यू फॉर मनी हेंडसेट और ऑफलाइन रणनीति" का अहम योगदान रहा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सबसे ज्यादा नुकसान माइक्रोसॉफ्ट, ब्लैकबेरी, सोनी और एलजी को उठाना पड़ा। मौजूदा मार्केट में सस्ते हैंडसेट के लिए ज्यादा रुझान देखने को मिल रहा है। दूसरी तरफ, माइक्रोमैक्स की मार्केट हिस्सेदारी में थोड़ी गिरावट भी देखने को मिली।
जहां तक ऐप्पल का सवाल है। 2016 की पहली तिमाही में अमेरिका की यह टेक्नोलॉजी कंपनी आठवें स्थान पर थी। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि इस कंपनी ने लेनोवो के बाद सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की। पिछले साल की तुलना में ऐप्पल ने 56 फीसदी ज्यादा हैंडसेट मार्केट में उतारे गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियम सेगमेंट में सैमसंग के मार्केट शेयर कम हुई जिसका फायदा ऐप्पल को मिला। 2016 की पहली तिमाही में सैमसंग की हिस्सेदारी 41 फीसदी पहुंच गई जबकि ऐप्पल के लिए यह 29 फीसदी पर थी।
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