InFocus ने पहला 18:9 डिस्प्ले वाला Vision 3 स्मार्टफोन पिछले साल लॉन्च किया है। इसके बाद हमें साल 2018 में कई कंपनियों के 18:9 डिस्प्ले वाले फोन देखने को मिलेगा, जिन्होंने हमारा ध्यान खींचा। विज़न 3 दिखने में अच्छा फोन था लेकिन अपनी कीमत में काफी कमज़ोर रहा। हालांकि, चीज़ें बदलीं और
Redmi 5,
Redmi Note 5 और
Asus ZenFone Max Pro M1 जैसे हैंडसेट ने दस्तक दी।
इन सभी को टक्कर देने के लिए इनफोक्स लाई
Vision 3 Pro, लेकिन क्या यह फोन बाज़ार में मौज़ूद स्मार्टफोन का मुकाबला करने के लिए बना है? हमने की पड़ताल...
InFocus Vision 3 Pro डिज़ाइन
InFocus Vision 3 की बॉडी प्लास्टिक की है लेकिन लगता है इसे अपग्रेड किया गया है। इसके बैक में मेटल का बैकप्लेट है, जो फोन को हाथ में लेते ही प्रीमियम फील देता है। टॉप और बॉटम में एंटीना के लिए प्लास्टिक कैप हैं। फ्रंट में 5.7 इंच का डिस्प्ले है, जिसमें रंगों का मिश्रण बेहतर है और व्यूइंग एंगल भी अच्छे हैं। धूप में भी डिस्प्ले साफ दिखाई देता है। कलर टेंपरेचर एडजस्ट करने का विकल्प है। साथ ही डिस्प्ले आउटपुट को भी स्टेंडर्ड से डायनैमिक में बदला जा सकता है।
Vision 3 Pro में दिए गए बटन कुछ ज्यादा ऊंचे पर हैं, जिसकी वजह से अंगूठे को काफी खींचना पड़ता है। Vision 3 Pro में इनफोकस ने माइक्रो-यूएसबी पोर्ट नीचे कीतरफ दिए हैं। साथ में दो ग्रिल हैं, जिसमें से लेफ्ट में लाउडस्पीकर मौज़ूद है। 3.55 मिलीमीटर का हेडफोन जैक टॉप पर दिया गया है। सेल्फी कैमरा एक किनारे पर है। नोटिपिकेशन एलईडी इयरपीस के बगल में दी गई है।
फोन के बायीं तरफ हाइब्रिड डुअल सिम ट्रे है, जिसमें 1 माइक्रो-स्लॉट पहले सिम व दूसरा अगले नैनो स्लिम के लिए है। दूसरे स्लॉट में मेमोरी कार्ड इस्तेमाल किया जा सकता है। Vision 3 Pro के बैक में डुअल कैमरे हैं और एक एलईडी फ्लैश है। फिंगरप्रिंट स्कैनर भी बैक में ही दिया गया है।
18:9 आस्पेक्ट रेशियो फोन को लंबा और पतला बनाता है, इससे फोन पकड़ने के लिए बेहद आसान हो जाता है। इसके राउंड एजेस हैं और फोन काफी हल्का है। बॉक्स में यूज़र को मिलता है माइक्रो-यूएसबी केबल, 7.5 वॉट का चार्जर, इयरफोन। एक्सेसरीज़ की गुणवत्ता अच्छी नहीं है और हेडफोन की आवाज़ उतनी अच्छी नहीं आती।
InFocus Vision 3 Pro स्पेसिफिकेशन और फीचर
फोन में दिए गए फीचर इसके टाइटल में दिए गए 'प्रो' को जस्टीफाई करते हैं। फोन में काम करता है मीडियाटेक एमटी6750 प्रोसेसर, जबकि विज़न 3 मीडियाटेक एमटी6737एच के साथ आता है। फोन में ऑक्टाकोर प्रोसेसर है। प्रोसेसर नया है और इसे अब तक Asus ZenFone 3S Max और Vivo V5s में देखा जा चुका है, जो पिछले साल लॉन्च हुए थे। फोन में 4 जीबी रैम और 64 जीबी का स्टोरेज है, जिसे 128 जीबी तक बढ़ाया जाना संभव है। InFocus Vision 3 Pro 4जी सपोर्ट करता है और इसके दोनों सिम में वीओएलटीई काम करता है।
सॉफ्टवेयर के लिहाज़ से फोन एंड्रॉयड 7.0 नूगा पर चलता है, जो एंड्रॉयड ओरियो आने के बाद से आउटडेट हो चुका है। इनफोकस ने इसके ओएस में कुछ कस्टमाइजेशन जोड़े हैं। इससे इसमें ऐप ड्रॉर नहीं है और सारे ऐप होमस्क्रीन पर ही रहते हैं। ब्लोटवेयर को लो रखा गया है, जिससे यूज़र को अमेज़न शॉपिंग, प्राइम वीडियो, यूसी ब्राउज़र, एमकी कीबोर्ड का मज़ा मिल सके। राहत की बात यह कि इन सभी को अनइंस्टाल भी किया जा सकता है।
InFocus Vision 3 Pro परफॉर्मेंस, कैमरा और बैटरी लाइफ
Vision 3 Pro की परफॉरमेंस विज़न 3 से कहीं बेहतर है। प्रोसेसर नया है और बेहतर एक्सपीरिएंस देने में सक्षम है। सोशल मीडिया पर मैसेज और आम वेब ब्राउज़िंग इसकी मदद से बेहतर होती है। हालांकि, कुछ ऐप बैकग्राउंड में चलने की वजह से फोन अटकता है, जो 4 जीबी रैम होने के बावज़ूद अखरता है। Vision 3 Pro आम गेम तो आसानी से सपोर्ट कर लेता है लेकिन शैडो फाइट 3 जैसे गेम इसमें अटकने लगते हैं।
बैटरी लाइफ निर्भर करती है आपके इस्तेमाल पर। गेम, हैवी ऐप चलाने में यह जल्दी से खर्च होती है। हमने पाया कि फोन 15 मिनट गेम खेलने में ही गर्म हो जाता है। हमारे वीडियो लूप टेस्ट में Vision 3 Pro 12 घंटे 8 मिनट तक चला। आम इस्तेमाल के साथ यह पूरे दिन चल जाता है। अगर आप गेम खेलते हैं तो फोन का पूरे दिन चलना मुश्किल है, आपको कुछ समय के लिए चार्जर की ज़रूरत पड़ेगी।
Vision 3 Pro के पिछले हिस्से में डुअल कैमरा सेटअप है। यह 13+8 मेगापिक्सल का सेंसर है, जो वाइड एंगल लेंस के साथ आता है। स्टेंडर्ड फोटो और वीडियो मोड के अलावा इसमें टाइम-लैप्स, ब्यूटी, पैनोरमा, प्रो मोड जोड़े गए हैं। एचडीआर उपलब्ध है लेकिन यह कुछ समय लेता है। हमने इससे थोड़ा जल्दी रिस्पॉन्स की उम्मीद की थी। प्राइमरी सेंसर से ली गई तस्वीरें अच्छी आईं लेकिन लैंडस्केप शॉट्स में स्पष्टता की कमी दिखी। सेकेंड्री सेंसर वाइड एँगल लेंस की मदद से यूज़र को वाइडर फ्रेम की सुविधा देता है। यहां भी डिटेल की कमी है। ऑटोफोकस से लैस सेकेंड्री सेंसर प्राइमरी के मुकाबले स्लो है। पोर्ट्रेट तस्वीरें लेने में थोड़ी रुकावट आई। इसके एज डिटेक्शन को सुधार की ज़रूरत है। मैक्रो शॉट बेहतर रहे। इनमें सब्जेक्ट और बैकग्राउंड के बीच अंतर साफ समझ आया।
कैमरा परफॉरमेंस कम रोशनी में अच्छी नहीं है। Vision 3 Pro नॉयज को कंट्रोल कर लेता है लेकिन डिटेल कम हो जाती है। वीडियो रिकॉर्डिंग 1080 पिक्सल तक जाती है, यह दोनों कैमरों को सपोर्ट करती है। लेकिन रेडमी नोट 5 इसी सूची में 4के वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा देता है। यहां स्टैबलाइज़ेशन का फीचर नहीं है, जिससे हाथ को स्थिर रखना होगा। 13 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा अच्छी तस्वीरें लेता है। ब्यूटी मोड अपने आप सक्रिय हो जाते हैं। ज़ूम इन कर सेल्फी की डिटेल खो सकते हैं लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर शेयर करने लायक तस्वीरें आ जाती हैं।
फैसला
Vision 3 Pro अपने पिछले स्मार्टफोन Vision 3 का अपग्रेड है, जिसे दमदार प्रोसेसर मिला है, ज्यादा रैम मिले हैं। हालांकि, प्रतियोगिता रेडमी 5 और रेडमी नोट 5 ने बढ़ा दी है। हाल में लॉन्च हुआ असूस ज़ेनफोन मैक्स प्रो एम1 भी 10,999 रुपये में Vision 3 Pro को चुनौती देता है। अगर आप बाज़ार में बजट स्मार्टफोन की तलाश कर रहे हैं तो Vision 3 Pro को छोड़कर ZenFone Max Pro M1 का रुख कर सकते हैं।