अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन्स अब मेड इन इंडिया

अमेरिका के स्मार्टफोन मार्केट में चीन में शिपमेंट्स के लिहाज से चीन की हिस्सेदारी घटकर लगभग 25 प्रतिशत रह गई है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 60 प्रतिशत से अधिक की थी

अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन्स अब मेड इन इंडिया

इस मार्केट में चीन की हिस्सेदारी में काफी गिरावट हुई है

ख़ास बातें
  • इसका बड़ा कारण Apple का भारत में अपने iPhones की असेंबलिंग बढ़ाना है
  • अमेरिका के स्मार्टफोन मार्केट में चीन की हिस्सेदारी काफी कम हुई है
  • एपल की सप्लायर Foxconn ने भारत में आईफोन्स की असेंबलिंग को बढ़ाया है
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दुनिया के बड़े मार्केट्स में शामिल अमेरिका में बिकने वाले स्मार्टफोन्स मेड इन इंडिया हैं। अमेरिका में स्मार्टफोन्स के सबसे बड़े सोर्स के तौर पर भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इसका बड़ा कारण Apple का भारत में अपने iPhones की असेंबलिंग बढ़ाना है। इस वर्ष की दूसरी तिमाही में अमेरिका को एक्सपोर्ट किए गए स्मार्टफोन्स का पहली बार भारत सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर रहा है। 

Bloomberg की रिपोर्ट में मार्केट रिसर्च फर्म Canalys के डेटा के हवाले से बताया गया है कि दूसरी तिमाही में अमेरिका के स्मार्टफोन मार्केट में भारत में असेंबलिंग वाले हैंडसेट्स की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत की थी। इसके बाद वियतनाम का दूसरा स्थान है। दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन मेकर Samsung का वियतनाम में बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस है। अमेरिका के स्मार्टफोन मार्केट में शिपमेंट्स के लिहाज से चीन की हिस्सेदारी घटकर लगभग 25 प्रतिशत रह गई है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 60 प्रतिशत से अधिक की थी। Canalys की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बदलाव के पीछे भारत में एपल का मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाना एक प्रमुख कारण है। 

अमेरिका में मेड इन इंडिया डिवाइसेज की वॉल्यूम पिछली तिमाही में तिगुनी से अधिक बढ़ी है। Canalys के सीनियर एनालिस्ट, Runar Bjorhovde ने बताया, "एपल ने पहली तिमाही के अंत में अपनी इनवेंटरी को तेजी से बढ़ाया था और इस लेवल को दूसरी तिमाही में भी बरकरार रखा है।" एपल और कुछ अन्य स्मार्टफोन मेकर्स ने चीन में अपनी मैन्युफैक्चरिंग का कुछ हिस्सा भारत में शिफ्ट किया है। इसके अलावा वियतनाम भी एक बड़ा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर बन रहा है। स्मार्टफोन कंपनियों की इस स्ट्रैटेजी का उद्देश्य टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव जैसे जोखिमों से बचना है। 

हालांकि, अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump इससे नाराज है। ट्रंप ने स्मार्टफोन मेकर्स से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने को कहा है। एपल के आईफोन्स की अधिकतर मैन्युफैक्चरिंग चीन में होती है और इसके पास अमेरिका में कोई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं है। ट्रंप की ओर से दबाव के बाद एपल ने अमेरिका में वर्कर्स की हायरिंग बढ़ाने और अगले चार वर्षों में लगभग 500 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने का वादा किया है। कंपनी की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn ने भारत में आईफोन्स की असेंबलिंग को बढ़ाया है। हाल ही में  फॉक्सकॉन ने एक नई फैक्टरी भी शुरू की है। 

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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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