Google ने बैन किए 23 लाख से अधिक खतरनाक ऐप्स

पिछले वर्ष गूगल ने अपने फ्री एंटी वायरस ऐप Play Protect में कुछ अपडेट किए थे। इससे कंपनी की खतरनाक ऐप्स की पहचान करने में सटीकता बढ़ सकती है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 31 जनवरी 2025 18:53 IST
ख़ास बातें
  • कंपनी ने खतरे की पहचान के लिए AI का इस्तेमाल शुरू किया है
  • पिछले वर्ष 1,58,000 से अधिक डिवेलपर्स को भी बैन किया है
  • गूगल ने अपने फ्री एंटी वायरस ऐप Play Protect में कुछ अपडेट किए हैं

कंपनी ने खतरे की पहचान के लिए आर्टफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल शुरू किया है

अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Google ने Google Play Store से 23 लाख से अधिक खतरनाक ऐप्स को पिछले वर्ष बैन किया है। गूगल ने बताया है कि इसके साथ ही 1,58,000 से अधिक डिवेलपर्स को भी बैन किया है। इन डिवेलपर्स के एकाउंट्स से खतरनाक ऐप्स को पब्लिश किया जा रहा था। 

गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने खतरे की पहचान के लिए आर्टफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल शुरू किया है। AI से ह्युमन रिव्युअर्स को उल्लंघन के मामलों में से 92 प्रतिशत में मैलवेयर और स्पाइवेयर को पकड़ने में मदद की है। इससे रिव्युअज की गति बढ़ी और सटीकता बढ़ी है। गूगल ने बताया कि Play Store पर इंस्टॉल किए गए 91 प्रतिशत से अधिक ऐप्स Android 13 के नए सिक्योरिटी फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं। 

पिछले वर्ष गूगल ने अपने फ्री एंटी वायरस ऐप Play Protect में कुछ अपडेट किए थे। इससे कंपनी की खतरनाक ऐप्स की पहचान करने में सटीकता बढ़ सकती है। गूगल का दावा है कि Play Protect से प्रति दिन 200 अरब ऐप्स से ज्यादा को स्कैन किया जाता है। कंपनी ने बताया है कि पिछले वर्ष लगभग एक करोड़ डिवाइसेज को 3.6 करोड़ से अधिक खतरनाक इंस्टॉलेशन की कोशिशों से बचाया गया था। 

हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से जारी की गई चेतावनी में यूजर्स को गूगल के क्रोम ब्राउजर और ChromeOS वाले डिवाइसेज को अपडेट करने की सलाह दी गई थी। CERT-In की एडवाइजरी में बताया गया था कि गूगल क्रोम के पुराने वर्जन में कुछ कमियां हैं जिससे यूजर्स के डेटा और सिस्टम को रिस्क है। इसमें Windows और Mac के लिए Google Chrome के 132.0.6834.110/111 से पुराने वर्जन, Linux के लिए 132.0.6834.110 और 16093.68.0 से पहले के ChromeOS वर्जन शामिल हैं। इसका समाधान करने के लिए गूगल ने डेस्कटॉप प्लेटफॉर्म्स पर गूगल क्रोम के लिए Stable Channel अपडेट रिलीज किया है। गूगल ने बताया है कि यह अपडेट जल्द ही सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा। Chromebook के यूजर्स को भी डिवाइसेज को ChromeOS के नए वर्जन के लिए अपडेट करने की सलाह दी गई है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि क्रोम के सभी यूजर्स को इन कमियों से जुड़े रिस्क से बचने के लिए जल्द अपडेट करना चाहिए। 
 
 

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