दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple के तिमाही रेवेन्यू में चार प्रतिशत से अधिक की कमी हो सकती है। कंज्यूमर्स के आईफोन और Mac कंप्यूटर जैसी गैर-जरूरी खरीदारियों को घटाने और सर्विसेज बिजनेस में ग्रोथ धीमी होने से कंपनी के रेवेन्यू में लगातार दूसरी तिमाही में कमी होने की आशंका है।
एपल के तिमाही रिजल्ट की गुरुवार को घोषणा की जाएगी। चीन में आईफोन की डिमांड और इसके प्रोडक्शन में रिकवरी के बावजूद कंपनी की लगभग सभी प्रोडक्ट लाइंस के रेवेन्यू में गिरावट हो सकती है। अमेरिका में बहुत सी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने रेवेन्यू और प्रॉफिट पर दबाव के कारण पिछले कुछ महीनों में हजारों वर्कर्स क छंटनी की है। फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म Cowen के एनालिस्ट्स ने बताया, "एपल के हार्डवेयर बिजनेस को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आईफोन, iPad और Mac की बिक्री पर कंज्यूमर और एंटरप्राइज डिमांड में कमजोरी का असर पड़ रहा है।"
कंपनी के प्रोडक्ट्स की बिक्री दूसरी तिमाही में सात प्रतिशत से अधिक घटकर 71 अरब डॉलर से कुछ अधिक रह सकती है। कंपनी के रेवेन्यू में लगभग 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली Mac की सेल्स में बड़ी गिरावट हो सकती है। आईफोन से मिलने वाला रेवेन्यू तीन प्रतिशत से अधिक घटने का अनुमान है।
मार्केट रिसर्च फर्म IDC के डेटा के अनुसार, इस वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में पर्सनल कंप्यूटर की शिपमेंट्स में लगभग एक तिहाई की कमी हुई है। इसमें एपल की ओर से शिपमेंट्स में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी बड़ा कारण है। ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में लगभग 13 प्रतिशत की कमी हुई है। हालांकि, एपल को चीन के मार्केट में रिकवरी से कुछ राहत मिली है। कंपनी के लिए यह तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है।
कंपनी के लिए भारत एक महत्वपूर्ण मार्केट है। देश में कंपनी की सेल्स उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा
एपल ने भारत में आईफोन का प्रोडक्शन बढ़ाने की भी तैयारी की है। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में एपल ने अपना पहला ऑनलाइन स्टोर लगभग तीन वर्ष पहले शुरू किया था। हाल ही में एपल ने बताया था, "भारत में ऐप डिवेलपर्स की कम्युनिटी 10 लाख से अधिक रोजगार दे रही है। यह देश में डिवेलपर्स की मजबूत ग्रोथ का प्रमाण है। देश में ऐप स्टोर की ओर से डिवेलपर्स को भुगतान पिछले लगभग पांच वर्षों में तिगुने से अधिक बढ़ा है।"