अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple के लिए भारत में मुश्किलें बढ़ रही हैं। कंपनी के iPhones पर कुछ विपक्षी सांसदों को 'स्टेट स्पॉन्सर्ड' हैकिंग की कोशिश की कथित तौर पर चेतावनी मिलने के बाद इस मामले की जांच की जा रही है। सायबर सिक्योरिटी एजेंसी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से यह जांच की जा रही है। इसे लेकर एपल को नोटिस भी भेजा गया है।
IT सेक्रेटरी, S Krishnan ने
कंपनी को नोटिस भेजने की पुष्टि की है। एपल ने भी जांच के लिए नोटिस मिलने की पुष्टि की है। बहुत से विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें एपल से हैकिंग से जुड़ा एक अलर्ट मिला है और इसमें कहा गया है कि 'स्टेट स्पॉन्सर्ड' अटैकर्स उनके आईफोन को हैक करने की कोशिश में हैं। इन नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी ने नेता शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, K C वेणुगोपाल और भूपिंदर सिंह हुड्डा शामिल थे। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, CPI(M) के महासचिव, सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भी एपल से हैकिंग से जुड़ा अलर्ट मिला था।
विपक्षी नेताओं के कथित तौर पर जासूसी को लेकर आशंका जताने के बाद सरकार ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया था। इस बारे में Ashwini ने कहा था, "इसे लेकर सरकार चिंतित है। इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
एपल का कहना है कि यह सूचना ऐसी जानकारी पर आधारित हो सकती है जो अधूरी है। कंपनी ने यह भी कहा है कि खतरे की कुछ सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं या कुछ अटैक पकड़े नहीं जा सके।"
इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी बताया था कि उन्हें अपने आईफोन पर इसी तरह का अलर्ट मिला है। एपल ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि वह खतरे के इस अलर्ट के लिए किसी विशेष 'स्टेट स्पॉन्सर्ड' अटैकर्स को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती। कंपनी ने कहा था कि इस तरह के अटैकर्स के पास फंडिंग होती है और उनके हमलों को पकड़ना खतरे से जुड़े इंटेलिजेंस सिग्नल्स पर निर्भर करता है और ये सिग्नल अक्सर अधूरे होते हैं या सटीक नहीं होते। पिछले कुछ वर्षों में देश में आईफोन्स की बिक्री तेजी से बढ़ी है और एपल ने एक्सपोर्ट को भी बढाया है।