विपक्ष के कई नेताओं के एक ही तरह के दावे ने मंगलवार को सियासी गलियारों में सनसनी का माहौल पैदा कर दिया। राहुल गांधी, महुआ मोइत्रा, शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी समेत विपक्ष के कई जानेमाने नेताओं ने दावा किया कि
ऐपल ने उन्हें 'स्टेट-स्पॉन्सर्ड हमलों की कोशिश' का अलर्ट भेजा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर जैसे ही इस तरह के दावे पोस्ट किए गए, सरकार भी हरकत में आ गई। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि इस मामले पर कंपनी ने भी अपना रुख स्पष्ट किया है।
क्या है मामला
देश के कम से कम 3 सांसदों, राजनीतिक नेताओं, वरिष्ठ पत्रकारों के आईफोन पर 'राज्य-प्रायोजित' हमले के बारे में अलर्ट आया। इसमें कहा गया- 'अलर्ट: स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपके iPhone को निशाना बना सकते हैं। Apple का मानना है कि आपको स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स की ओर से टार्गेट किया जा रहा है। यह आपकी Apple ID से जुड़े iPhone को खतरे में डालने की कोशिश है। आप कौन हैं या क्या करते हैं, इस आधार पर अटैकर्स संभवतः आपको पर्सनली निशाना बना रहे हैं। अगर आपकी डिवाइस के साथ किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कैमरा और माइक्रोफोन को एक्सेस कर सकते हैं। इस चेतावनी को गंभीरता से लें।'
ऐपल का बयान
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर ऐपल ने कहा है, ‘ऐपल खतरे की सूचनाओं के लिए किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहराता।' कंपनी ने कहा है कि सरकार प्रायोजित हमलावर ‘आर्थिक और तकनीकी रूप से बहुत मजबूत होते हैं और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं।' कंपनी ने कहा, ‘ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं। यह संभव है कि ऐपल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता।'
हालांकि, ऐपल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा समेत अन्य नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं। ऐपल ने कहा, ‘हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं।' इस बीच, सूत्रों ने कहा कि ऐपल ने लगभग 150 देशों में उन व्यक्तियों को धमकी संबंधी सूचनाएं भेजी हैं, जिनके अकाउंट हैं।