लोकप्रिय मैसेजिंग सर्विसेज WhatsApp और Signal पर एनक्रिप्टेड चैट्स और कॉल्स का एक्सेस हासिल करने के लिए केंद्र सरकार एक नए कानून का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। WhatsApp पर चैट्स एनक्रिप्टेड होने के कारण इन्हें कोई ऐप डिवेलपर और सरकार सहित कोई एक्सेस नहीं कर सकता। हालांकि, सरकार इस स्थिति को बदलना चाहती है और इसके लिए नए कानून का प्रस्ताव दिया गया है। इससे सरकार को एनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन का एक्सेस मिल सकता है।
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कानून पारित होता है तो इसका डेटा प्राइवेसी पर बड़ा असर हो सकता है। इसमें वॉट्सऐप और सिग्नल सहित OTT ऐप्स और सर्विसेज के इंटरसेप्शन पर एक कानूनी फ्रेमवर्क लागू करने का प्रस्ताव है। इस पर पब्लिक से फीडबैक लिया जा सकता है। कानून में टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेज की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक मेल, वॉयस मेल, वीडियो और डेटा कम्युनिकेशन सर्विसेज, लैंडलाइन और मोबाइल सर्विसेज, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सर्विसेज, सैटेलाइट-बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विसेज, इंटरनेट-बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विसेज और कुछ कम्युनिकेशन के कुछ अन्य जरिए शामिल हैं। इस परिभाषा में किसी भी सर्विस को जोड़ा जा सकता है और इससे सरकार को एनक्रिप्टेड चैट्स, वॉयस कॉल्स और वीडियो कॉल्स का एक्सेस मिल सकता है।
इस कानून के ड्राफ्ट में सेक्शन 24 के तहत सरकार या उसका कोई प्रतिनिधि किसी सार्वजनिक आपात स्थिति या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में चैट्स या कॉल्स के एक्सेस की मांग कर सकते हैं। एनक्रिप्शन एक टेक्नोलॉजी है जो किसी तीसरे पक्ष को दो पक्षों के बीच कम्युनिकेशन की निगरानी करने से रोकती है। इस कानून के लागू होने की स्थिति में वॉट्सऐप और सिग्नल को एनक्रिप्टेड मैसेज का फीचर हटाना होगा या उनके पास देश में अपना कामकाज बंद करने का विकल्प होगा। WhatsApp ने भारत में जुलाई में लगभग 24 लाख एकाउंट्स पर स्थायी बैन लगाया था।
WhatsApp ने बताया था कि उसने लगभग 14 लाख एकाउंट्स पर खुद बैन लगाया है और इन एकाउंट्स के लिए यूजर्स की ओर से कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली थी।
इस वर्ष की शुरुआत में कई VPN फर्मों ने उनके यूजर्स के डेटा का रिकॉर्ड रखने और उसे अथॉरिटीज के साथ शेयर करने का कानून लागू होने के बाद विरोध के तौर पर देश में अपने सर्वर बंद कर दिए थे। इन फर्मों ने स्थानीय कस्टमर्स को सर्विस देने के लिए वर्चुअल सर्वर्स का इस्तेमाल शुरू किया था।