अग्रणी भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से FEMA ( 1999) के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है, जो कि 2,790.74 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के लिए है। इन्फोर्समेंट एजेंसी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में यह साझा किया। इन्फोर्समेंट एजेंसी ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा कि चीनी नागरिकों ने 57 करोड़ रुपये की जुआ आय लॉन्ड्रिंग करने में क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल किया।
WazirX भारत में एक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है जिसे 2018 में लॉन्च किया गया था। यूजर्स
बिटकॉइन खरीदने और बेचने तथा अन्य क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में खरीदने और बेचने के लिए WazirX पर जा सकते हैं। हालांकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति कुछ समय के लिए उतार-चढ़ाव में थी, फिर भी निवेश विकल्प के रूप में इन टोकनों में लोगों की बहुत रुचि रही है।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अतीत में अवैध भुगतानों के लिए भी किया गया है। जिसमें कुख्यात Dark Web पर किए गए भुगतान शामिल हैं क्योंकि क्रिप्टोक्यूरेंसी के माध्यम से धन की आवाजाही को ट्रैक करना मुश्किल है। ईडी द्वारा पोस्ट किए गए
ट्वीट में एजेंसी ने कहा, "ईडी ने 2790.74 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन के लिए FEMA, 1999 के उल्लंघन के लिए WazirX क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।"
Gadgets 360 के एक सवाल के जवाब में WazirX ने कहा कि उसे अभी तक कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। इसने कंपनी से किसी भी तरह के गैर-अनुपालन से भी इनकार किया। "WazirX सभी लागू कानूनों के अनुपालन में है। हम अपनी KYC और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (AML) प्रक्रियाओं का पालन करके अपने कानूनी दायित्वों से परे जाते हैं और जब भी आवश्यक हो लॉ इन्फोर्समेंट अधिकारियों को हमेशा जानकारी प्रदान करते हैं। आधिकारिक पहचान की जानकारी के साथ हम सभी यूजर्स को ट्रेस करने में सक्षम हैं। अगर हमें ED से औपचारिक संचार या नोटिस प्राप्त होता है तो हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।" WazirX के सीईओ और संस्थापक निश्चल शेट्टी ने एक ईमेल स्टेटमेंट में कहा। जिसे उन्होंने
ट्वीट भी किया। उन्होंने कहा, "WazirX में फंड सुरक्षित हैं, फंड के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।"
FEMA सन् 1999 का विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act) है। जिसका अर्थ है "बाहरी व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाने और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रख-रखाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करना।"
ED की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, इसके निदेशकों M/s Zanmani Labs Pvt Ltd (WazirX) को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। ED ने चीनी स्वामित्व वाले अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन की जांच शुरू की और आरोप लगाया कि इन चीनी नागरिकों ने WazirX के माध्यम से 57 करोड़ की कीमत की क्रिप्टोकरेंसी Tether को खरीदा। स्टेटमेंट में आगे कहा गया, "यह पाया गया कि WazirX यूजर्स बिना किसी उचित दस्तावेज के किसी भी व्यक्ति को 'मूल्यवान' क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर कर सकते हैं, चाहे उसका स्थान और राष्ट्रीयता कुछ भी हो। यही छूट इसे मनी लॉन्ड्रिंग अथवा अन्य अवैध गतिविधियों की तलाश करने वाले यूजर्स के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बनाती है।"
Is Bitcoin and Cryptocurrency legal in India?
इस महीने की शुरूआत में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय बैंकों से क्रिप्टोकरेंसी पर 2018 के सर्कुलर का उल्लेख नहीं करने को कहा था। 2018 में RBI ने बैंकों से वर्चुअल करेंसी में डील नहीं करने को कहा था। हालांकि पिछले साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया था। इसलिए जून में आरबीआई ने एक नया आदेश जारी कर बैंकों से 2018 के सर्कुलर का उपयोग बंद करने को कहा।
हालाँकि उस समय RBI ने बैंकों को अन्य सुरक्षा उपायों का पालन करना जारी रखने के लिए भी कहा था। आरबीआई ने कहा कि बैंकों के साथ-साथ अन्य वित्तीय संस्थाओं को अभी भी KYC, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML), आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (CFT) के मानकों को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप उचित परिश्रम प्रक्रियाओं को पूरा करना है। जिसमें विदेशी प्रेषण के लिए FEMA के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के अलावा प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत विनियमित संस्थाओं के दायित्व भी शामिल हैं।
Gadgets 360 के साथ पूर्व वार्तालाप में TechArc के मुख्य विश्लेषक, फैज़ल कावूसा ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी एक वास्तविकता है। हम इससे इनकार नहीं कर सकते। यह देखना अच्छा है कि भारत इसमें जल्दी प्रवेश कर रहा है। हालाँकि चिंता इसकी वैधता को लेकर अस्पष्टता की है। मुझे लगता है कि हमें इसके बारे में एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है ताकि सभी को इसे विकसित करने और इससे लाभ उठाने का भरोसा मिल सके।"
इस नवीनतम विकास के साथ क्रिप्टोकरेंसी के आसपास रेगुलेटरी स्थिति थोड़ी अस्पष्ट प्रतीत होती है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी को बिना किसी कठिनाई के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेड किया जा सकता है। और यह उन कंपनियों के लिए जटिलताएं पैदा कर सकता है जो भारत के भीतर रिकॉर्ड बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं।