दुनिया की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Tata Motors भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट के लिए बड़ी योजना बना रही है। कंपनी के पास Nexon EV के साथ पहले ही इस मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी है। Tata Motors अपने EV पोर्टफोलियो में 2026 तक 10 नए मॉडल्स को शामिल करेगी। कंपनी के पास अभी कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में Nexon और हैचबैक Tiago के इलेक्ट्रिक वेरिएंट मौजूद हैं। इनमें Safari और Harrier जैसी पेट्रोल/डीजल कारों के EV वेरिएंट शामिल होंगे।
टाटा मोटर्स के पेट्रोल और डीजल कारों के मौजूदा पोर्टफोलियो में Safari और Harrier लोकप्रिय मॉडल हैं। इनके इलेक्ट्रिक वेरिएंट लॉन्च होने पर कस्टमर्स की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद है। गिज्मोचाइना की रिपोर्ट के अनुसार, इनके अलावा
Altroz और Punch के इलेक्ट्रिक वेरिएंट भी लॉन्च किए जा सकते हैं। Altroz का इलेक्ट्रिक वेरिएंट पिछले वर्ष के ऑटो एक्स्पो में प्रदर्शित किया गया था। इसका इंजन Nexon EV के मौजूदा इंजन के समान हो सकता है। इसमें सिंगल चार्ज पर 250-300 किलोमीटर की रेंज मिलने की उम्मीद है।
Altroz को फास्ट चार्जिंग में सिर्फ 60 मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज किया जा सकेगा। टाटा मोटर्स की नई EV कंपनी में इनवेस्टमेंट फर्म TPG Rise Climate 11-15 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए लगभग 7,500 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट करेगी। टाटा मोटर्स की इस कंपनी को अभी EVCo कहा जा रहा है। इसे जल्द की एक नया नाम दिया जा सकता है।
टाटा मोटर्स की पैसेंजर व्हीकल्स डिविजन के प्रेसिडेंट, शैलेष चंद्रा ने बताया, "कंपनी की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की ओर बढ़ने की एक चरणबद्ध योजना है। कुछ मौजूदा मॉडल्स के इलेक्ट्रिक वेरिएंट लॉन्च किए जा सकते हैं।"
भारत में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट शुरुआती दौर में है। केंद्र सरकार ने आगामी वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए इन व्हीकल्स की खरीद पर सब्सिडी भी दी जाएगी। दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला भी भारतीय मार्केट में बिजनेस करना चाहती है। हालांकि, टेस्ला का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के इम्पोर्ट पर अधिक ड्यूटी इसमें रुकावट बन रही है। टेस्ला ने केंद्र सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाने का निवेदन किया है। हालांकि, भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने के खिलाफ हैं। इन कंपनियों का कहना है कि इससे देश में इन व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ेगा।