मोबाइल वॉलेट से रीचार्ज या खरीदारी पर मिलने वाले कैशबैक अगर आपको लुभावने लगते हैं तो सावधान हो जाइए! देखने में आता है कि पेमेंट एग्रीगेटर ऐप यूजर को रीचार्ज आदि पर कैशबैक देते हैं। लेकिन कई बार ये लुभावने ऑफर आपके साथ बड़ी ठगी का कारण बन सकते हैं। गुरूग्राम की एक कंपनी Talkcharge ने इसी तरह के कैशबैक ऑफर देकर पहले यूजर्स का भरोसा जीता और फिर हजारों करोड़ की ठगी कर डाली। आइए जानते हैं पूरा मामला।
कैशबैक की आड़ में गुरूग्राम की एक कंपनी Talkcharge ने लोगों को 5 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। CNN-News18 की
रिपोर्ट के अनुसार, Talkcharge ने कैशबैक के नाम पर यूजर्स को बड़ा रिटर्न देना शुरू किया। Talkcharge
मोबाइल वॉलेट ऐप की रेटिंग बेहद खराब होने के बावजूद भी लगभग 20 लाख से ज्यादा डाउनलोड पाए गए। कंपनी को अंकुश कटियार नामक शख्स द्वारा स्थापित किया गया था।
Talkcharge शुरुआत में प्रीपेड पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर लॉन्च की गई थी। ऐप ने शुरू में रिचार्ज पर कैशबैक देना शुरू किया। उसके बाद जमा राशि पर कैशबैक के ऑफर देने शुरू कर दिए। इसके यूजर्स को यह फायदे का सौदा लगने लगा। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी सिर्फ 4,999 रुपये की जमा राशि पर 1,666 रुपये का कैशबैक दे रही थी।
धीरे-धीरे यूजर्स को इस पर भरोसा होने लगा। यूजर्स बड़ी रकम ऐप में इन्वेस्ट करने लगे। 2023 में धोखे का खेल शुरू हो गया। जुलाई 2023 में कंपनी ने यूजर्स से 20% सर्विस चार्ज वसूलना शुरू कर दिया। लोगों को परेशानी होने लगी तो कंपनी इसका एक और झांसेदार समाधान ले आई। अगस्त में इसने सर्विस चार्ज से छुटकारा पाने वाला ऑफर लॉन्च किया जिसमें 1,49,999 रुपये के टैग के साथ कंपनी ने No Fees प्रोमो कोड लॉन्च कर दिया।
जनवरी 2024 में धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन कंपनी ने शुरू कर दिए। मार्च 2024 में ऐप पर विड्रॉल समेत कई सर्विसेज बंद हो गईं। फिर अप्रैल 2024 में इसने ऑपरेशंस ही बंद कर दिए। हजारों लोगों का निवेश किया गया पैसा फंस गया। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ यूजर्स का करोड़ों का वॉलेट बैलेंस ऐप में था जो अब फंस गया है। देशभर में इस ऐप के प्रमोटर्स के खिलाफ शिकायत और एफआईआर दर्ज की गई हैं। कंपनी को शुरू करने वाले अंकुश कटियार नामक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा सह-संस्थापक शिवानी माहेश्वरी और टॉकचार्ज के कुछ कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है।