SpaceX ने अंतरिक्ष में 48 नए सैटेलाइट छोड़े हैं जो पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए गए हैं। ये सैटेलाइट Starlink इंटरनेट सैटेलाइट्स के बेड़े में शामिल किए गए हैं। कंपनी ने 7 जुलाई को इन्हें अंतरिक्ष में भेजा है। ये सभी 48 सैटेलाइट Falcon 9 रॉकेट द्वारा ले जाए गए थे। जो कि कैलिफॉर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से उड़ा था।
Starlink इंटरनेट सैटेलाइट्स में 48 नए सैटेलाइट्स जुड़ गए हैं।
SpaceX ने 7 जुलाई को इन्हें पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में स्थापित कर दिया है। कंपनी ने
ऑफिशियल वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी है। SpaceX अब तक 4700 स्टारलिंक सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है। इनमें से अधिकतर सैटेलाइट अपना काम करना शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा आने वाले समय में कंपनी और सैटेलाइट्स इसमें जोड़ने वाली है। कंपनी के पास 12 हजार और सैटेलाइट्स को लोअर अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करने का अप्रूवल है। इसके ऊपर यह 30 हजार और सैटेलाइट स्थापित करेगी जिसके लिए कंपनी ने अप्रूवल रिक्वेस्ट भेजी हुई है।
बता दें कि Starlink सैटेलाइट आधारित
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करवाती है। यानि कि इंटरनेट कनेक्शन धरती पर तारों के जरिए नहीं, बल्कि सैटेलाइट के माध्यम से चलता है। इससे दुनिया के उन हिस्सों तक भी इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है जहां पर तारों से यह पहुंचाना संभव नहीं है। लेकिन कंपनी के लिए कुछ मुश्किलें भी सामने आ रही हैं।
एस्ट्रॉनॉमर यानि कि खगोल वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति जताई है। ट्रांसकॉन्टिनेंटल की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने ज्यादा सैटेलाइट पृथ्वी को घेरे हुए हैं कि रात में वैज्ञानिकों को अपने ऑब्जर्वेशन करने में भी परेशानी होती है। इससे वैज्ञानिक शोधों की सटीकता और गुणवत्ता में कमी आ रही है। इसके अलावा उन्होंने इस बात के लिए भी चिंता जाहिर की है कि लम्बे समय के स्पेस अभियान इन सैटेलाइट्स के चलते सफल नहीं हो सकते हैं। क्योंकि स्टारलिंक और अन्य सैटेलाइट्स की भीड़ होने के कारण स्पेस में टक्कर होने का खतरा पैदा हो रहा है। इससे अंतरिक्ष में कचरा बढ़ रहा है जिससे कि
स्पेसक्राफ्ट भी खतरे में आ सकते हैं।
स्टारलिंक के 4700 के लगभग सैटेलाइट पहले ही पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं। (प्रतीकात्मक फोटो))
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हालांकि स्टारलिंक ने पिछले 6 महीनों में 25 हजार ऐसे अभियान चलाए हैं जिनमें कि टकराव से बचाव का अभ्यास किया गया है। कंपनी अभी और भी सैटेलाइट लॉन्च करेगी जिसके बाद इस तरह के अभ्यासों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। स्टारलिंक सैटेलाइट्स की बढ़ती संख्या एक तरफ जहां ग्लोबल इंटरनेट कनेक्टिवटी के लिए लाभकारी है, तो दूसरी ओर इसके खतरे भी सामने आ रहे हैं।