देश में पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल से पेमेंट्स तेजी से बढ़ी हैं। पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में मोबाइल फोन्स के इस्तेमाल से ट्रांजैक्शंस की वैल्यू बढ़कर 198 लाख करोड़ रुपये की थी। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस की बढ़ी हिस्सेदारी है।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में
मोबाइल से पेमेंट्स क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स के जरिए खर्च की गई रकम की तुलना में लगभग 14.5 प्रतिशत अधिक थी। मोबाइल से पेमेंट्स में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस की हिस्सेदारी लगभग 130 करोड़ रुपये की थी। इसके पीछे डिजिटल पेमेंट्स से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होना एक प्रमुख कारण है। UPI ट्रांजैक्शंस को दो कैटेगरी - पर्सन-टु-पर्सन (P2P) और पर्सन-टु-मर्चेंट (P2M) में रखा जाता है। पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में सभी UPI ट्रांजैक्शंस का औसत टिकट साइज लगभग 1,515 रुपये का था।
पिछले वर्ष दिसंबर में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू लगभग 23.25 लाख करोड़ रुपये की थी। इससे पिछले महीने में यह आंकड़ा लगभग 21.55 लाख करोड़ रुपये का था। दिसंबर में इन ट्रांजैक्शंस की प्रति दिन की औसत वैल्यू लगभग 74,990 करोड़ रुपये की रही है। इससे पिछले महीने में यह आंकड़ा लगभग 71,840 करोड़ रुपये का था। UPI को ऑपरेट करने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में इन ट्रांजैक्शंस के लिए वॉल्यूम की लिमिट को दो वर्ष के लिए बढ़ाया था। इसके अलावा WhatsApp के सभी यूजर्स के लिए UPI सर्विसेज उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई थी। NPCI ने WhatsApp Pay पर UPI से जुड़े यूजर्स को जोड़ने की लिमिट हटा दी थी। इससे देश में वॉट्सऐप के सभी यूजर्स को ये पेमेंट सर्विसेज मिल सकेंगी।
NPCI ने नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRI) और देश का विजिट करने वाले इंटरनेशनल ट्रैवलर्स के लिए UPI One World वॉलेट सर्विस लॉन्च की थी। इससे उन ट्रैवलर्स को UPI का एक्सेस कर पेमेंट्स करने की सुविधा मिलेगी जिनके पास एक भारतीय बैंक एकाउंट नहीं है। NPCI ने बताया था कि देश का विजिट करने वाले ट्रैवलर्स UPI One World वॉलेट के साथ मर्चेंट्स को सुरक्षित तरीके से डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे। इसके लिए विदेशी ट्रैवलर्स और NRI को एक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट- UPI ऐप को डाउनलोड करने की जरूरत होगी।