ग्लोबल टेक कंपनियों को कस्टमर्स के क्लाउड सर्विसेज और डेटासेंटर पर खर्च घटाने से झटका लगा है। इन कंपनियों में Microsoft, Amazon और Google शामिल हैं। यह इन कंपनियों के लिए स्लोडाउन की मुश्किलें शुरू होने का संकेत है। कुछ बड़ी टेक कंपनियों के लिए वर्षों से क्लाउड सर्विसेज ग्रोथ का एक जरिया रही हैं। इन सर्विसेज की डिमांड महामारी के दौरान बढ़ गई थी।
बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Amazon की क्लाउट सर्विसेज यूनिट Amazon Web Services की ग्रोथ पिछली चार तिमाहियों में घटी है। इसकी जुलाई-सितंबर की तिमाही में नेट सेल्स में ग्रोथ लगभग 28 प्रतिशत की रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 39 प्रतिशत थी। यह लगभग दो वर्षों में सबसे कम ग्रोथ है। हॉलिडे सीजन में सेल्स में बढ़ोतरी कम रहने का अनुमान देने के बाद गुरुवार को Amazon के शेयर में 12 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। ग्लोबल सॉफ्टवेयर कंपनी
Microsoft की क्लाउड सर्विसेज डिविजन Azure के रेवेन्यू में कुछ वर्षों से लगातार ग्रोथ हो रही थी लेकिन जुलाई-सितंबर के दौरान यह घटकर लगभग 35 प्रतिशत रही। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह इस डिविजन की ग्रोथ लगभग 50 प्रतिशत की थी।
इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को चलाने वाली अमेरिकी कंपनी Alphabet का क्लाउड सर्विसेज बिजनेस पिछले तिमाही में 38 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि, पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी से यह कम है। Google को कुछ देशों में कानूनों का उल्लंघन करने के कारण भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भारत में गूगल पर एंड्रॉयड से जुड़े कॉम्पिटिशन विरोधी तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए CCI ने इस महीने की शुरुआत में लगभग 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
कंपनी के खिलाफ देश के स्मार्ट टीवी मार्केट में भी कारोबार करने के तरीके को लेकर एक अलग जांच चल रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में एक अन्य मामले में दोषी पाए जाने पर CCI ने गूगल पर 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। कंपनी को अपने पेमेंट्स ऐप और इन-ऐप पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए मार्केट में अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया है।
AWS सहित बहुत से डेटा सेंटर कस्टमर्स के लिए चिप्स बनाने वाली Intel ने बताया है कि तीसरी तिमाही में इस बिजनेस से उसका रेवेन्यू 27 प्रतिशत कम रहा है और प्रॉफिट लगभग समाप्त हो गया है। कंपनी की चीन के एंटरप्राइज कस्टमर्स की ओर से डिमांड घटने के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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