देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki के गुजरात में मौजूद प्लांट ने 30 लाख कारों की मैन्युफैक्चरिंग की उपलब्धि हासिल की है। मारूति सुजुकी की पूर्ण हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड ने छह वर्ष पहले इस प्लांट को शुरू किया था। इसमें Swift, Baleno, Dzire और Fronx जैसे मॉडल्स बनाए जाते हैं।
कंपनी ने बताया कि उसने पिछली 10 लाख कारों की मैन्युफैक्चरिंग लगभग 17 महीनों में की है। इस प्लांट की वार्षिक कैपेसिटी लगभग 7.5 लाख यूनिट्स की है। इसमें देश में बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट के लिए भी कारें बनाई जाती हैं। इस प्लांट में अगले वर्ष से
मारूति सुजुकी की पहली
इलेक्ट्रिक कार eVX की भी मैन्युफैक्चरिंग होगी। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, Hisashi Takeuchi ने कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करने में राज्य में मैन्युफैक्चरिंग के लिए उपलब्ध कराए गए इकोसिस्टम का बड़ा योगदान है। उन्होंने बताया, "सुजुकी मोटर गुजरात के एक्विजिशन के साथ हम अपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ा रहे हैं। हमारे बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की भी गुजरात के प्लांट में मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी।"
पिछले महीने मारूति सुजुकी की सेल्स में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने नवंबर में लगभग 1.34 लाख यूनिट्स बेची हैं। पिछले वर्ष के इसी महीने में मारूति सुजुकी की सेल्स लगभग 1.32 लाख यूनिट्स की थी। कंपनी के लिए Baleno, Swift और WagonR जैसी कारों ने सेल्स में बड़ा योगदान दिया है। हालांकि, इसे SUV के सेगमेंट में Brezza, Grand Vitara और Fronx ने ग्रोथ हासिल करने में मदद की है। कंपनी की Alto और S-Presso जैसी स्मॉल कारों की पिछले महीने बिक्री घटकर 9,959 यूनिट्स की रही। यह पिछले वर्ष के इसी महीने में 18,251 यूनिट्स की थी। इसके हैचबैक सेगमेंट की सेल्स घटकर 64,679 यूनिट्स रह गई। यह पिछले वर्ष नवंबर में 72,844 यूनिट्स की थी। इस सेगमेंट में Celerio, Dzire और Ignis हैं।
मारूति सुजुकी की SUV और MPV के सेगमेंट में बिक्री बढ़कर 49,016 यूनिट्स पर पहुंच गई। इस सेगमेंट में Brezza, Fronx, Grand Vitara, Jimny, S-Cross, Ertiga, Invicto और XL6 शामिल हैं। कंपनी ने SUV पर फोकस बढ़ाया है। इस सेगमेंट में डिमांड बढ़ने से पिछले तिमाही में मारूति सुजुकी के प्रॉफिट में लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। नए वर्ष की शुरुआत से कंपनी ने अपनी कारों के प्राइस बढ़ाने का फैसला किया है। मारूति सुजुकी ने बताया है कि कॉस्ट का प्रेशर बढ़ने की वजह से कारों के प्राइसेज बढ़ाए जा रहे हैं।