देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने नवंबर के महीने में अभी तक की सबसे अधिक सेल्स दर्ज की है। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। पिछले महीने व्हीकल्स की सभी कैटेगरी में सेल्स बढ़ी है। इनमें टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर, पैसेंजर व्हीकल्स, ट्रैक्टर और कमर्शियल व्हीकल्स शामिल हैं।
टू-व्हीलर की सेल्स में 24 प्रतिशत, थ्री-व्हीलर में 80 प्रतिशत, पैसेंजर व्हीकल्स में 21 प्रतिशत, ट्रैक्टर में लगभग 57 प्रतिशत और कमर्शियल व्हीकल्स की
बिक्री में लगभग 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। बिक्री बढ़ने के पीछे फेस्टिव सीजन एक बड़ा कारण था। पैसेंजर व्हीकल्स में नए लॉन्च के कारण देश की सबसे बड़ी कार मेकर मारुति सुजुकी सहित कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है।
टू-व्हीलर्स की बिक्री में भी तेजी आ रही है।
पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री भी बढ़ी है। देश में 18 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का रजिस्ट्रेशन है। EV की सबसे अधिक बिक्री वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4,14,978 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स रजिस्टर्ड हैं। इसके बाद दिल्ली (1,83,074) और महाराष्ट्र (1,79,087) हैं। इमिशन घटाने और क्रूड ऑयल का इम्पोर्ट कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से EV को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए इन व्हीकल्स को खरीदने वालों को सरकारों की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर Nitin Gadkari ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि देश में 5,151 पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशंस हैं। इनमें से सबसे अधिक तमिलनाडु (660) में हैं। दूसरे स्थान पर दिल्ली (539) है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए एक पॉलिसी को मंजूरी दी है। पॉलिसी में कहा गया है कि राज्य में जो भी व्यक्ति नया इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदेगा, उसे सब्सिडी मिलेगी। नए इलेक्ट्रिक व्हीकल के फैक्ट्री प्राइस पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी सभी प्रकार के EV पर लागू होगी। इसमें टू-व्हीलर से लेकर इलेक्ट्रिक बसें तक शामिल होंगी। सबसे ज्यादा सब्सिडी इलेक्ट्रिक बस खरीदने वालों को मिलेगी। राज्य सरकार ने कहा है कि शुरुआती 400 बसों की खरीद पर प्रति बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक कार खरीदता है, तो उसे एक लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। हालांकि, यह शुरुआती 25,000 कारों के लिए लागू होगी।