पिछले कुछ वर्षों में सेमीकंडक्टर्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है। भारत ने सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए केंद्र सरकार ने इंसेंटिव्स देने की घोषणा की थी। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर, Ashwini Vaishnaw ने बुधवार को बताया कि पहला मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर इस वर्ष पेश किया जा सकता है।
देश में पिछले वित्त वर्ष में सेमीकंडक्टर्स का इम्पोर्ट लगभग 18.5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.71 लाख करोड़ रुपये का था। सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल और स्मार्टफोन जैसी बहुत सी इंडस्ट्रीज में किया जाता है। वैष्णव ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान
NDTV को बताया, "हम इस वर्ष पहला मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप ला सकते हैं।" उन्होंने कहा कि लगभग तीन वर्ष पहले सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत के बाद से इस मोर्चे पर काफी प्रगति हुई है। देश के AI मिशन की अध्यक्षता करने वाले वैष्णव ने बताया कि सरकार AI मिशन के अगले फेज पर कार्य कर रही है। इसमें स्वदेशी AI मॉडल और देश में AI चिप का डिजाइन तैयार करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए सही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू करना है। इसमें इनोवेशन और रेगुलेशन के बीच संतुलन बनाया जाएगा।
सरकार ने सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के उपाय किए हैं। इससे इम्पोर्ट पर निर्भरता को घटाया जा सकेगा। देश के कुछ बड़े बिजनेस ग्रुप ने सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की हैं। हाल ही में Tata group ने अमेरिकी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरर Analog Devices के साथ टाई-अप किया था।। टाटा ग्रुप की सेमीकंडक्टर से जुड़ी
कंपनी Tata Electronics ने गुजरात के धोलेरा में लैबोरेटरी बनाने के लिए 11 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। अडानी ग्रुप ने भी इजरायल की Tower Semiconductor ने महाराष्ट्र में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए टाई-अप किया है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 10 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य देश को सेमीकंडक्टर में बड़ी ताकत बनाने का है। अमेरिका और चीन के बीच तनाव के कारण सेमीकंडक्टर्स के सेगमेंट में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसका फायदा भारत, सिंगापुर और मलेशिया को मिलने की संभावना है। AMD और Nvidia जैसी बड़ी कंपनियों ने भी देश में रिसर्च और डिजाइन सेंटर्स बनाए हैं। देश का सेमीकंडक्टर मार्केट 2026 तक लगभग 63 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।