सोशल मीडिया दिग्गज Facebook की पूर्व कर्मचारी Sarah Wynn-Williams ने अपनी किताब Careless People: The explosive memoir that Meta doesn't want you to read में फेसबुक से संबंधित कई खुलासे किए हैं, जिसमें नीतियों का उल्लंघन, ताकत का गलत उपयोग और यौन उत्पीड़न जैसे मामले शामिल हैं।
साराह विन विलियम Meta में ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थी, साराह ने 2011 से लेकर 2017 के बीच कंपनी में काम किया था। उन्होंने उस दौरान भारत, ब्राजील और साउथ कोरिया जैसे देशों में लगातार ट्रैवल किया था और उस दौरान कंपनी और वहां की सरकारों के बीच विरोध का भी जिक्र किया। बुक के अनुसार, फेसबुक ने भारत में एक पूर्व पुलिस कप्तान को नियुक्त किया था, जो कंपनी और सरकार के बीच विरोध होने पर जेल जाने के लिए भी तैयार रहे।
Free Basics क्या है
बात 2016 की है जब
मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने भारत समेत कई विकासशील देशों में Free Basics प्लान को पेश किया था, एक प्रोग्राम जिसमें कम इनकम वाले यूजर्स को कुछ वेबसाइट का लिमिटेड एक्सेस मिलता है। हालांकि, भारत ने इसे नेट न्यूट्रैलिटी के चलते (इंटरनेट पर सभी को बिना किसी भेदभाव के समान व्यवहार करना चाहिए) पूरी तरह से खारिज कर दिया था।
मेटा ने किया था पूरा प्रयास
साराह का दावा है कि फेसबकु के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने खुद इसको लेकर पीएम मोदी को एक पत्र लिखा था और फ्री बेसिक प्लान के बारे में चर्चा करने के लिए मीटिंग की मांग की थी। कंपनी के उस वक्त के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर Sheryl Sandberg ने इंटरनेट से संबंधित मंत्री को भी लिखा था। किताब में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने उस वक्त फ्री बेसिक के सपोर्ट के लिए बड़े बजट का कैंपेन चलाया था, जिसमें टीवी, अखबार, सिनेमा, रेडियो, बिलबोर्ड और खुद फेसबुक पर विज्ञापन से लेकर एसएमएस कैंपेन शामिल हैं।
Facebook ने अपने प्लेटफॉर्म पर उन यूजर्स के लिए एक मेगाफोन बनाया था जो Free Basics का सपोर्ट करना चाहते थे, क्योंकि जकरबर्ग ने टीम को Facebook के मौजूदा सभी टूल का फायदा उठाने के लिए कहा था। इसलिए सभी भारतीय फेसबुक यूजर्स ने लॉगिन करते हुए एक पॉप-अप देखा। बुक में दावा किया गया है कि ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए टीम ने इसे ऐसे डिजाइन किया कि इस पर क्लिक करने से यूजर्स की फ्रेंड लिस्ट को भी नोटिफाई किया जाएगा कि उन्होंने रेगुलेटरी को एक पत्र सब्मिट किया है।
इसके चलते 7 जनवरी, 2016 तक TRAI को लगभग 17 मिलियन सबमिशन मिले, लेकिन 10 जनवरी को TRAI ने घोषणा करके हैरान कर दिया कि उसे सिर्फ 1.4 मिलियन सब्मिशन ही मिले। फेसबुक टीम ने पता लगाया कि आखिर क्या हुआ था। TRAI के किसी कर्मचारी ने जिसने पब्लिक कमेंट के लिए ईमेल एंड्रेस को कंट्रोल किया था, फेसबुक से सभी ईमेल को ऑप्ट आउट कर दिया। यह 16 दिसंबर को 9:00 से 10:00 बजे के बीच पर हुआ। फेसबुक के लॉग में इसका रिकॉर्ड है। ऑप्ट आउट करने से एक घंटे पहले उन्हें 2 लाख से ज्यादा ईमेल भेजे गए थे। उसके एक घंटे बाद यह संख्या घटकर 251 रह गई। जकरबर्ग और उनकी टीम के कुछ सबसे ज्यादा दिमाग वाले टेक कर्मचारियों ने इस पर महीनों तक काम किया और भारत में लो रैंक वाले अधिकारी ने ऑप्ट-आउट बॉक्स पर क्लिक करके उन्हें पीछे छोड़ दिया।
मेटा ने किया किताब का विरोध
मेटा ने बुक में किए गए दावों को झूठा और पुराना बताया है, 8 साल पहले साराह विन विलियम्स को खराब प्रदर्शन और बुरे व्यवहार के चलते नौकरी से निकाला गया था, वह उसके बाद से ही एंटी फेसबुक गतिविधियों में शामिल हैं। मेटा के यूएस में विरोध के बावजूद Careless People किताब भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध है।