टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के बहुत से फायदे और कुछ नुकसान भी हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण हाल ही में तब मिला जब मुंबई पुलिस ने एक अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसी की ओर से मिले अलर्ट के बाद एक 25 वर्षीय व्यक्ति को आत्महत्या करने से बचा लिया। यह व्यक्ति गूगल पर बिना दर्द के कैसे सुसाइड करें, इस बारे में सर्च कर रहा था।
एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो -
इंटरपोल की ओर से दी गई IP एड्रेस और लोकेशन जैसी महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर इस व्यक्ति तक पुलिस को पहुंचने में सफलता मिली। मुंबई में एक IT कंपनी में कार्य करने वाले इस व्यक्ति तक पुलिस मंगलवार को पहुंची थी। एक प्राइवेट कंपनी में IT इंजीनियर की नौकरी करने वाले इस व्यक्ति ने एजुकेशन और अन्य जरूरतों के लिए विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से लोन लिए थे। वह हाउसिंग लोन की किश्तें चुकाने में नाकाम हो गया था और इस वजह से वह डिप्रेशन में चला गया। इसके बाद उसने बिना दर्द के सुसाइड करने के तरीकों के बारे में सर्च करना शुरू किया था।
अमेरिकी एजेंसी ने इस बारे में नई दिल्ली में इंटरपोल के ऑफिस को अलर्ट किया था, जिसने मुंबई पुलिस को इस बारे में जानकारी दी थी। मुंबई की क्राइम ब्रांच के अधिकारी जोगेश्वरी में रहने वाले इस व्यक्ति की लोकेशन पर पहुंच गए। इसके बाद इसे क्राइम ब्रांच के ऑफिस ले जाया गया और काउंसलिंग की गई। अधिकारी ने बताया कि यह व्यक्ति पहले भी सुसाइड करने की कोशिश कर चुका था।
काउंसलिंग के बाद इस व्यक्ति को उसके अभिभावकों के साथ घर भेज दिया गया। इसके साथ ही उसे साइकोथैरेपी कराने की सलाह दी गई है। इससे पहले भी कुछ ऐसे मामले हो चुके हैं जिनमें सुसाइड करने के बारे में इंटरनेट पर सर्च करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट पर तुरंत कदम उठाते हुए ऐसी घटनाओं को रोका गया था। सोशल मीडिया साइट फेसबुक और इंटरनेट सर्च इंजन
गूगल पर इस तरह के मामलों के बारे में जानकारी मिलने पर पुलिस को अलर्ट किया जाता है। इसके अलावा इस तरह की स्थिति वाले व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग के विकल्प भी मौजूद हैं। इससे ऐसे मामलों को रोकने में सहायता मिल सकती है।