AI से कहीं रोजगार का खतरा तो कुछ सेक्टर में जॉब्स की बहार

इंटरनेट सर्च इंजन Google को ऑपरेट करने वाली Alphabet के CEO, Sundar Pichai हाल ही में ने कहा था कि AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद यह वर्कर्स की जगह नहीं ले सकता है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 18 जुलाई 2025 21:57 IST
ख़ास बातें
  • इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में AI से जुड़ी जॉब्स 38 पर्सेंट बढ़ी हैं
  • AI की जॉब्स का बड़ा हिस्सा (53 प्रतिशत) AI सेक्टर में था
  • इस अवधि में नॉन-AI टेक जॉब्स में लगभग आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है

IT एनेबल्ड सर्विसेज और BPO सेक्टर्स में इन जॉब्स में 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है

पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) का बहुत से सेक्टर में इस्तेमाल बढ़ा है। हालांकि,  AI से कुछ इंडस्ट्रीज में बड़ी संख्या में रोजगार घटने को लेकर आशंकाएं भी जताई जा रही हैं। इसके साथ ही AI और मशीन लर्निंग (ML) से जुड़ी जॉब्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। 

एक मीडिया रिपोर्ट में देश की प्रमुख एंप्लॉयमेंट वेबसाइट्स में शामिल Naukri की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में AI से जुड़ी जॉब्स में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। Naukri पर अप्रैल से जून के बीच 35,000 से अधिक AI और मशीन लर्निंग से जुड़ी जॉब्स पोस्ट की गई हैं। इस अवधि में नॉन-AI टेक जॉब्स में लगभग आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। AI की जॉब्स का बड़ा हिस्सा (53 प्रतिशत) AI सेक्टर में था। इसके बाद बैंकिंग सेक्टर में ये जॉब्स 48 प्रतिशत बढ़ी हैं। IT एनेबल्ड सर्विसेज और BPO सेक्टर्स में इन जॉब्स में 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 

'AI: Friend, Foe or Frenemy' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में 60,000 से अधिक नौकरी की खोज कर रहे उम्मीदवारों, हजारों जॉब लिस्टिंग्स और रिक्रूटर सर्वे के आधार पर जानकारी जुटाई गई है। AI के रोजगार पर असर को लेकर टेक इंडस्ट्री भी विभाजित है। इस बारे में AI सेफ्टी और रिसर्च फर्म Anthropic के CEO, Dario Amodei का कहना है कि 2030 तक लगभग 50 प्रतिशत व्हाइट-कॉलर और एंट्री लेवल जॉब्स गायब हो जाएंगी। हालांकि, Nvidia के CEO, Jensen Huang की दलील है कि इन जॉब्स की स्थिति में बदलाव होगा लेकिन ये पूरी तरह समाप्त नहीं होंगी। 

इंटरनेट सर्च इंजन Google को ऑपरेट करने वाली Alphabet के CEO, Sundar Pichai हाल ही में ने कहा था कि AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद यह वर्कर्स की जगह नहीं ले सकता है। पिचाई ने बताया था कि ह्युमन टैलेंट के विकल्प के बजाय AI एक एक्सेलरेटर के तौर पर कार्य करता है। इससे कंपनी को टेक्नोलॉजी के इमर्जिंग एरिया में अधिक मौकों का फायदा उठाने में आसानी होती है। पिचाई ने कहा था, "मुझे उम्मीद है कि हमारे मौजूदा इंजीनियरिंग बेस को अगले वर्ष तक बढ़ाया जाएगा।" उनका यह नजरिया उन कंपनियों से अलग है जो AI को कॉस्ट घटाने के एक जरिए के तौर पर देखती हैं। 
 

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