बड़ी IT कंपनियों में शामिल Accenture ने डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्टिकल में तीन अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। यह इस वर्टिकिल में एंप्लॉयीज की संख्या दोगुनी करेगी। एक्सेंचर की योजना इस सेगमेंट के लिए हायरिंग बढ़ाने के साथ ही कुछ कंपनियों को खरीदने की भी है।
एक्सेंचर ने बताया कि तीन अरब डॉलर के इनवेस्टमेंट से 19 इंडस्ट्रीज से जुड़ी कंपनियों को मदद मिलेगी। बहुत सी IT कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते ट्रेंड का फायदा उठाने के लिए अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज में AI को शामिल कर रही हैं। एक मीडिया
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सेंचर ने AI Navigator कहा जाने वाला एक नया टूल भी लॉन्च किया है। इससे कारोबारों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बेहतर इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में Accenture ने अपने वार्षिक रेवेन्यू और प्रॉफिट के पूर्वानुमान में कमी की थी। कंपनी ने बताया थी कि वह अपनी वर्कफोर्स को लगभग 2.5 प्रतिशत घटाएगी। एक्सेंचर से लगभग 19,000 वर्कर्स को बाहर किया जाएगा। यह ग्लोबल इकोनॉमी के कमजोर होने का एक और संकेत है। इस वजह से बहुत से सेक्टर्स में IT सर्विसेज पर खर्च में कमी की जा रही है। कंपनी से हटाए जाने वाले वर्कर्स में से आधे से अधिक ऐसे कॉरपोरेट फंक्शंस से होंगे जिनकी बिलिंग नहीं की जाती। इससे पहले एक्सेंचर की राइवल Cognizant ने IT सर्विसेज की डील्स में ग्रोथ कम होने की जानकारी दी थी।
IT सेक्टर के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं। देश में इस सेक्टर में पिछले एक वर्ष में लगभग 60,000 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की छंटनी हुई है। यह इंडस्ट्री लगभग 194 अरब डॉलर की है। इसमें लाखों लोगों को रोजगार मिला है। भारत की
IT कंपनियों को अपने बिजनेस का बड़ा हिस्सा विदेश से मिलता है। इस वर्ष की शुरुआत में ग्लोबल IT कंपनी Microsoft ने हजारों वर्कर्स की छंटनी करने का फैसला किया था। माइक्रोसॉफ्ट से लगभग 11,000 वर्कर्स को बाहर किया जा सकता है। इसमें इंजीनियरिंग और ह्युमन रिसोर्सेज डिविजंस पर अधिक असर होगा। माइक्रोसॉफ्ट पर अपनी क्लाउड यूनिट Azure के ग्रोथ रेट को बरकरार रखने का प्रेशर है। पिछली कुछ तिमाहियों से मंदी के कारण पर्सनल कंप्यूटर्स के मार्केट को नुकसान हुआ है और इससे माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज और डिवाइसेज की बिक्री में कमी हुई है।