FASTag अकाउंट का सिक्योरिटी डिपॉजिट चाहिए रिफंड तो करें ये काम

FASTag अकाउंट बनाना आसान है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया है।

FASTag अकाउंट का सिक्योरिटी डिपॉजिट चाहिए रिफंड तो करें ये काम

Photo Credit: FASTag

FASTag सभी टोल बूथों पर काम करता है।

ख़ास बातें
  • FASTag सिस्टम आज पूरे भारत में टोल टैक्स पर काम कर रहा है।
  • FASTag टोल बूथों पर भुगतान का डिजिटल तरीका है।
  • FASTag अकाउंट बनाना आसान है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया है।
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FASTag सिस्टम आज पूरे भारत में टोल टैक्स पर काम कर रहा है। इसके आने के बाद से लोगों को लाइन में लगकर भुगतान करने से छुटकारा मिला और बिना देरी के यात्रा पूरी हुई। FASTag अकाउंट बनाना आसान है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया है। अगर आप FASTag अकाउंट बंद करने का सोच रह हैं तो इसमें आपको अपनी सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस लेने के लिए कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा। नया FASTag अकाउंट बनाने पर बैंक और अन्य इश्यूअर जारी करने के चार्ज के साथ एक सिक्योरिटी डिपॉजिट लेते हैं। यह पैसा किसी भी बकाया राशि जैसे टोल ट्रांजेक्शन के दौरान लो बैलेंस के एवज में गारंटी के तौर पर काम करता है। हालांकि, FASTag अकाउंट के बंद होने पर यह पूरी तरह वापसी होता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

FASTag अकाउंट कैसे करें डिएक्टिवेट:

सबसे पहले आपको अपने FASTag इश्यूअर की कस्टमर सर्विस से संपर्क करना है। ये नंबर आपको इश्यूअर की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर मिल सकते हैं।
अपने FASTag अकाउंट को डीएक्टिवेट करने की वजह के बारे में कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव को जानकारी देनी होगी। फिर वो आपको प्रोसेस के बारे में गाइड करेंगे।
इश्यूअर के आधार पर डिएक्टिवेशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल ऐप या किसी ब्रांच में जाना पड़ सकता है।

बकाया राशि का करें भुगतान:

अपना सिक्योरिटी डिपॉजिट लेने से पहले यह चेक करें कि आपके FASTag अकाउंट में कोई बकाया राशि तो नहीं है। इसमें कोई भी बकाया टोल, एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज या पेनल्टी शामिल है। आप इश्यूअर के ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल ऐप या कस्टमर सर्विस से संपर्क करके बकाया राशि का भुगतान कर सकते हैं।

सिक्योरिटी डिपॉजिट रिफंड की रिक्वेस्ट करें:

एक बार आपका अकाउंट डिएक्टिवेट हो जाए और बाकी राशि का भुगतान हो जाए तो सिक्योरिटी डिपॉजिट रिफंड के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इश्यूअर के आधार पर प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है। कुछ इश्यूअर अकाउंट बंद होने पर ऑटोमैटिक रिफंड शुरू कर सकते हैं, जबकि कुछ से रिक्वेस्ट करने की जरूरत पड़ सकती है।

अगर आपका इश्यूअर के बैंक में अकाउंट है तो रिफंड इलेक्ट्रॉनिक तौर पर सीधे आपके लिंक किए गए अकाउंट में जमा हो सकता है। हालांकि, नॉन-बैंक FASTag इश्यूअर या इश्यूअर के बैंक में अकाउंट न होने पर एक डिमांड ड्राफ्ट जारी किया जा सकता है और रजिस्टर्ड पते पर भेजा जा सकता है। बैंक रिफंड की प्रक्रिया या डिमांड ड्राफ्ट भेजने में कुछ समय ले सकते हैं जो कि 3 से 10 दिनों तक हो सकता है।

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साजन चौहान

साजन चौहान Gadgets 360 में सीनियर सब एडिटर हैं। उन्हें विभिन्न प्रमुख ...और भी

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