चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद Fortnite आखिरकार Google Play Store में लौट आया है। Epic और Google के पेमेंट सिस्टम विवाद ने मोबाइल ऐप मार्केट में कई बड़े बदलाव लाए हैं।
Photo Credit: EPIC Games
मोबाइल गेमिंग की दुनिया में चल रही Epic Games और Google की चार साल पुरानी लड़ाई आखिरकार एक अहम मोड़ पर आ गई है। 2020 में पेमेंट सिस्टम को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बड़ा बन गया था कि Fortnite को Play Store से हटा दिया गया था। अब लंबे कानूनी संघर्ष और एंटीट्रस्ट केस के बाद गेम अमेरिका में आधिकारिक रूप से Google Play Store पर लौट आया है। यह वापसी सिर्फ एक गेम का री-लिस्ट होना नहीं है, बल्कि यह मोबाइल ऐप स्टोर की पॉलिसियों और डेवलपर स्वतंत्रता पर चल रही बहस में एक बड़ा बदलाव भी है।
Epic और Google के बीच टकराव तब शुरू हुआ था जब कंपनी ने Fortnite में डायरेक्ट पेमेंट्स जोड़कर स्टोर फीस को बाईपास कर दिया था। इसके बाद दोनों ही कंपनियों ने गेम को तुरंत हटा दिया और Epic ने मुकदमे दायर कर पूरे ऐप इकोसिस्टम में बड़ी हलचल मचा दी। पिछले साल आए जूरी फैसले ने Google के लिए स्थिति मुश्किल कर दी, क्योंकि अदालत ने माना कि Play Store की नीतियां प्रतिस्पर्धा को सीमित करती हैं। इसी फैसले के बाद Google को डेवलपर्स के लिए पेमेंट ऑप्शन खोलने पड़े और फीस मॉडल में भी बदलाव करना पड़ा।
🚨 Fortnite is back on the Google Play Store in the U.S. following Google's compliance with the U.S. District Court's injunction. We're continuing to work with Google to seek court approval of our settlement. Stay tuned for news of Fortnite's return to Google Play to the rest of… https://t.co/HgUgZofeBW
— Epic Games Newsroom (@EpicNewsroom) December 11, 2025
इन बदलावों का सबसे बड़ा लाभ Fortnite को मिला है। गेम अब फिर से Play Store पर उपलब्ध है और Epic को वह स्वतंत्रता हासिल है जिसकी वह शुरुआत से मांग कर रहा था। कंपनी के CEO Tim Sweeney का कहना है कि यह समझौता Android प्लेटफॉर्म की ओपननेस को साबित करता है, क्योंकि Fortnite अपनी शर्तों पर वापस आ रहा है, न कि Google के पेमेंट्स नियमों को स्वीकार करके।
iOS पर कहानी बिल्कुल अलग है। Apple के साथ Epic की कानूनी जंग ने डेवलपर्स को उम्मीद तो जरूर दिलाई थी कि App Store का पेमेंट मॉडल बदलेगा, लेकिन ताजा अदालती फैसले से साफ हो गया है कि Apple अब भी बाहरी पेमेंट लिंक की इंप्लिमेंटेशन और उन पर लगने वाली फीस दोनों कंट्रोल कर सकता है। इसका मतलब यह है कि डेवलपर्स लिंक तो जोड़ सकेंगे, लेकिन असली पावर अब भी Apple के पास रहेगी। इस फैसले को ऐप डेवलपमेंट इंडस्ट्री में एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
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