गेमिंग (Gaming) का मार्केट पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ा है, लेकिन भारत इसका नया सूरमा बनकर उभर रहा है। एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि भारत के पास अब 396.4 मिलियन (39.64 करोड़) गेमर्स के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमर बेस है। मार्केट रिसर्च फर्म निको पार्टनर्स (Niko Partners) के आंकड़े बताते हैं कि टॉप 10 एशियाई देशों की लिस्ट में भारत 50.2 फीसदी हिस्सेदारी रखता है, यानी एशियाई देशों में 50.2 फीसदी गेमर्स भारत से आते हैं।
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 'द एशिया-10 गेम्स मार्केट' (The Asia-10 Games Market) टाइटल वाली यह
रिपोर्ट जानकारी देती है कि कमाई के नजरिए से 21 फीसदी की दर से लगातार 5 साल की विकास दर के साथ भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला मार्केट भी है। निको पार्टनर्स का अनुमान है कि एशियाई देशों का पीसी और मोबाइल गेम मार्केट साल 2022 में 35.9 अरब डॉलर का बिजनेस करेगा। यह बिजनेस साल 2026 तक 41.4 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट बताती है कि रेवेन्यू के मुकाबले गेमर्स बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।
निको पार्टनर्स का अनुमान है कि एशियाई देशों में PC और मोबाइल गेमर्स की संख्या इस साल 788.7 मिलियन (78.87 करोड़) होगी, जो साल 2026 में 1.06 अरब तक पहुंच जाएगी। रिपोर्ट कहती है कि भारत, थाईलैंड और फिलीपींस गेमर्स की संख्या और राजस्व के लिहाज से सबसे तेजी से बढ़ते बाजार हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि जापान और कोरिया एशिया में सबसे परिपक्व मार्केट हैं, जिनका रेवेन्यू में 77 प्रतिशत से ज्यादा योगदान है।
इस बीच, भारत में केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) बढ़ा सकती है। गेमिंग पर GST लगाने के लिए रकम को कैलकुलेट करने के फॉर्मूला में बदलाव किया जा सकता है। ऑनलाइन गेमिंग पर GST की मौजूदा दर 18 प्रतिशत है। राज्यों के वित्त मंत्रियों का समूह (GoM) ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने का सुझाव दे सकता है। इसमें गेम ऑफ स्किल या गेम ऑफ चांस दोनों प्रकार की गेमिंग के लिए समान GST होगा।
GoM की रिपोर्ट को जल्द ही विचार के लिए GST काउंसिल को दिया जा सकता है। मेघालय के वित्त मंत्री कॉनरैड संगमा की अगुवाई वाले GoM ने जून में GST काउंसिल को सौंपी रिपोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने की सिफारिश की थी।