केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) बढ़ा सकती है। हालांकि, इसके साथ ही गेमिंग पर GST लगाने के लिए रकम को कैलकुलेट करने के फॉर्मूला में बदलाव किया जा सकता है। ऑनलाइन गेमिंग पर GST की मौजूदा दर 18 प्रतिशत है। राज्यों के वित्त मंत्रियों का समूह (GoM) ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने का सुझाव दे सकता है। इसमें गेम ऑफ स्किल या गेम ऑफ चांस दोनों प्रकार की गेमिंग के लिए समान GST होगा।
GoM की रिपोर्ट को जल्द ही विचार के लिए GST काउंसिल को दिया जा सकता है। मेघालय के वित्त मंत्री कॉनरैड संगमा की अगुवाई वाले GoM ने जून में GST काउंसिल को सौंपी रिपोर्ट में ऑनलाइन
गेमिंग पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने की सिफारिश की थी। यह टैक्स प्लेयर की ओर से चुकाई जाने वाली फीस सहित गेमिंग की रकम पर लगना था। इसमें टैक्स लगाने के लिए गेम ऑफ स्किल या गेम ऑफ चांस जैसी कोई कैटेगरी नहीं रखी गई थी। हालांकि, काउंसिल ने GoM से रिपोर्ट पर दोबारा विचार करने के लिए कहा था। इसके बाद GoM ने इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से विचार विमर्श करने के साथ ही ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग की थी।
गेम ऑफ स्किल या गेम ऑफ चांस की अलग कैटेगरी पर विचार करने के बाद GoM ने दोनों प्रकार की गेमिंग के लिए डीमेरिट गुड्स के तौर पर टैक्स लगाने का फैसला किया था। डीमेरिट गुड्स पर 28 प्रतिशत GST लगता है। हालांकि, इस टैक्स को कैलकुलेट करने के तरीके में कुछ छूट दी जा सकती है।
इससे पहले की रिपोर्ट में GoM ने पार्टिसिपेंट से मिली पूरी रकम पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया था। इसमें वह रकम शामिल है जो एक
प्लेयर दोनों प्रकार की ऑनलाइन गेमिंग के लिए जमा करता है। इससे प्लेयर्स को दिए जाने वाले प्राइज की रकम घट जाएगी और इस वजह से बहुत से प्लेयर्स ऐसे गैर कानूनी गेमिंग पोर्टल्स पर जा सकते हैं जो टैक्स नहीं काटते। महामारी के दौरान ऑनलाइन गेमिंग में तेजी आई थी और देश में गेमिंग के यूजर्स की संख्या बहुत अधिक बढ़ी थी। एक अनुमान के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग का मार्केट पिछले वर्ष लगभग 13,600 करोड़ रुपये से 2024-25 में बढ़कर लगभग 29,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है।