OTT प्लेटफॉर्म्स की लगाम कसने की तैयारी में सरकार

पायरेसी की समस्या में भी OTT प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है। अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स बन रहे हैं

OTT प्लेटफॉर्म्स की लगाम कसने की तैयारी में सरकार

पायरेसी की समस्या में भी इन प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है

ख़ास बातें
  • OTT के सेल्फ-रेगुलेटरी गाइडलाइंस का पालन नहीं करने को लेकर चिंता बढ़ी है
  • पायरेसी की समस्या में भी OTT प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है
  • अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स बन रहे हैं
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार एक नई ब्रॉडकास्ट पॉलिसी बना रही है। OTT के सेल्फ-रेगुलेटरी गाइडलाइंस का पालन नहीं करने को लेकर चिंता बढ़ी है। इस वजह से सरकार इन्हें रेगुलेटर करने की तैयारी कर रही है। 

मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग L Murugan ने बताया कि संसद में इस पॉलिसी को पेश करने से पहले मिनिस्ट्री इंडस्ट्री के फीडबैक और पब्लिक के इनपुट का आकलन कर रही है। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स ने व्युअर ऐज क्लासिफिकेशन और कंटेंट एडवाइजरीज जैसे उपाय शुरू किए हैं। हालांकि, सेल्फ-रेगुलेशन के इन तरीकों पर इस इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स और पब्लिक दोनों ने सवाल उठाए हैं। OTT सर्विसेज डिस्क्लेमर प्रदर्शित करने के साथ ही व्यस्क दर्शकों के लिए कंटेंट को टैग करती हैं। इसका उद्देश्य दर्शकों को जानकारी के साथ चयन का विकल्प देने का होता है। 

मुरूगन ने बताया कि इन उपायों के बावजूद OTT प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों में कहा जाता है कि ये प्लेटफॉर्म्स गाइडलाइंस का लगातार पालन नहीं करते। इस वजह से मिनिस्ट्री ने इन प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए पॉलिसी बनाने की शुरुआत की है। इसके अलावा सरकार प्राइवेट FM चैनल्स को न्यूज बुलेटिन प्रसारित करने की अनुमति देने पर भी विचार कर रही है। 

पायरेसी की समस्या में भी OTT प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी है। कंसल्टेंसी फर्म EY और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष पायरेसी का कारोबार बढ़कर लगभग 224 अरब रुपये पर पहुंच गया। इसमें लगभग 137 अरब रुपये पायरेटेड मूवी थिएटर कंटेंट और 87 अरब रुपये अवैध OTT प्लेटफॉर्म कंटेंट से मिले थे। पायरेटेड कंटेंट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स बन रहे हैं। पायरेटेड कंटेंट में इनकी हिस्सेदारी लगभग 63 प्रतिशत की है। इसके बाद मोबाइल ऐप्स (लगभग 16 प्रतिशत) और टॉरेंट और सोशल मीडिया (लगभग 21 प्रतिशत) हैं। देश में मीडिया के कंज्यूमर्स में से लगभग 51 प्रतिशत पायरेटेड सोर्सेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक 19-34 आयु वर्ग में हैं। आमतौर पर, पुरुषों को पुरानी फिल्में और महिलाओं को OTT कंटेंट ज्यादा पसंद आता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung Galaxy F56 5G vs Motorola Edge 60 Pro: दोनों फोन के फीचर्स में मुकाबला, कौन है बेस्ट
  2. iQOO Neo 10 भारत में 26 मई को आ रहा, मिलेंगे 7000mAh बैटरी, 120W फास्ट चार्जिंग जैसे धांसू फीचर्स
  3. भारत-पाक तनाव के बीच साइबर अटैक का खतरा: इन तरीकों से रखें खुद को सुरक्षित
  4. Vivo S30 Pro Mini होगा छोटे पैक में बड़ा धमाका! 6500mAh बैटरी, 100W चार्जिंग जैसे फीचर्स हुए लीक
  5. India-Pakistan Tension: पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक! भारत में 8 हजार से ज्यादा अकाउंट बैन! X बोला ...
  6. भूटान का बड़ा फैसला, क्रिप्टो में पेमेंट कर सकेंगे टूरिस्ट्स
  7. बिटकॉइन ने पकड़ी रफ्तार, फरवरी के बाद पहली बार प्राइस एक लाख डॉलर से पार
  8. Samsung Galaxy F56 5G की टक्कर CMF Phone 2 Pro से, देखें कौन रहेगा बेहतर
  9. Realme की GT 7 सीरीज का इस महीने होगा इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च
  10. S-400 'सुदर्शन चक्र': इस एयर डिफेंस सिस्टम ने रोके पाकिस्तानी हमले! जानें इसके बारे में सब कुछ...
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »