सुप्रीम कोर्ट ने Amazon Prime के मिर्जापुर सीजन 3 (Mirzapur Season 3) पर रोक को खारिज कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि वेब सीरीज की पूर्व-सेंसरशिप गलत है। भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाले बेंच ने कहा कि उसे हमेशा लगता है कि पूर्व-सेंसरशिप की अनुमति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूछा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सीधे रिलीज होने वाली वेब सीरीज, फिल्मों या अन्य कार्यक्रमों के लिए प्री-स्क्रीनिंग कमेटी कैसे हो सकती है।
समाचार एजेंसी ANI के
अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने Mirzapur Season 3 पर रोक को खारिज किया है। ख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाले बेंच ने कहा, "वेब सीरीज के लिए प्री-स्क्रीनिंग कमेटी कैसे हो सकती है? विशेष कानून है। जब तक आप यह नहीं कहते कि
ओटीटी (ओवर-द-टॉप) भी इसका एक हिस्सा है ... आपको कहना होगा कि मौजूदा कानून ओटीटी पर लागू होना चाहिए। कई सवाल उठेंगे क्योंकि ट्रांसमिशन दूसरे देशों से होता है।"
बता दें कि कोर्ट मिर्जापुर निवासी सुजीत कुमार सिंह द्वारा वेब सीरीज, फिल्मों या अन्य कार्यक्रमों के लिए एक प्री-स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो सीधे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती हैं।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने प्रसिद्ध
OTT सीरीज में मिर्जापुर शहर को खराब जगह की तरह चित्रित करने की शिकायत करने वाली एक याचिका पर वेब सीरीज मिर्जापुर और अमेजन प्राइम वीडियो के निर्माताओं को नोटिस जारी किया था।
जनहित याचिका में कहा गया था कि वेब सीरीज में निर्माताओं ने मिर्जापुर को गुंडों और व्यभिचारियों के शहर के रूप में दिखाया है और इस तरह के प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश के शहर की छवि खराब होती है। इसमें कहा गया था कि काल्पनिक सीरीज में, मिर्जापुर को आतंक, अपराध और अन्य अवैध गतिविधियों से भरा हुआ दिखाया गया है।