इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अब केवल सरकार ही नहीं, बल्कि कंपनियों की भी प्राथमिकता बनने लगे हैं। ऐसा ही एक कदम वेदांता लिमिटिड ने उठाया है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को ईवी की खरीद पर 50 प्रतिशत तक इनसेंटिव देने का ऐलान किया है। कंपनी इसके लिए नई पॉलिसी भी लेकर आई है जिसके अंतर्गत यह इनसेंटिव दिया जाएगा। कंपनी ने अधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की है। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कई प्रकार शामिल हैं। यानि कि ईवी चाहे टू व्हीलर हो या फोरव्हीलर, सभी की खरीद पर कंपनी 50 प्रतिशत तक अपने कर्मचारियों का सहयोग करेगी।
वेदांता ने नई ईवी पॉलिसी (EV Policy) की घोषणा की है जिसके तहत कंपनी ईवी की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत इनसेंटिव देगी। यानी कि कंपनी अपने अलग-अलग ग्रेड्स के कमर्चारियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत छूट देगी। चूंकि ग्रीन हाउस गैसों को ग्लोबल वॉर्मिंग का कारण माना गया है, ऐसे में दुनियाभर में सड़क परिवहन इसमें बड़ी भूमिका निभाता है। कंपनी ने कहा है कि विश्व में उत्सर्जित होने वाली कुल ग्रीन हाउस गैसों में 12 प्रतिशत केवल सड़क परिवहन के कारण होती हैं। इसलिए कंपनी कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की बात कर रही है जिसके लिए इसने 2030 का लक्ष्य रखा है।
कंपनी की नई ईवी पॉलिसी दिसंबर 2022 से ही लागू होने जा रही है। इस बारे में कंपनी ने कहा है कि पॉलिसी के आने से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने में लोगों के अंदर तेजी देखने को मिलेगी। इससे ग्रीन मोबिलिटी यानि कि कार्बन उत्सर्जन रहित ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा जो कि वर्तमान समय में पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत जरूरी है। इस कदम के साथ कंपनी दूसरे कॉर्पोरेशंस के लिए भी प्रेरणा बनने की बात कर रही है ताकि वह भी अपने ऑपरेशंस में इस तरह के कदम को शामिल करें और नेट जीरो एमिशन की ओर आगे बढें।
वेदांता लिमिटिड ने इस कदम के साथ ही बड़ा निवेश करने की बात कही है। जिसके मुताबिक, आने वाले 10 सालों में कंपनी नेट जीरो के लिए 5 अरब डॉलर के लगभग खर्च करने वाली है। कंपनी का कहना है कि वह 2050 तक कार्बन एमिशन को जीरो पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है और निरंतर प्रयासरत है।
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