बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल ओला इलेक्ट्रिक ने वर्कर्स की छंटनी, सर्विस और वॉरंटी के खर्च में कमी और नेटवर्क में बदलाव से लगभग 90 करोड़ रुपये प्रति माह की बचत शुरू की है। पिछले कुछ महीनों में कंपनी को सर्विस को लेकर कस्टमर्स की शिकायतों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
Ola Electric के बिजनेस हेड, Vishal Chaturvedi ने
NDTV Profit को बताया कि कॉस्ट में कमी से कंपनी को लगभग 90 करोड़ रुपये प्रति माह की बचत होगी। इससे पहले कंपनी ने कहा था कि उसने अपने नेटवर्क में बदलाव और ऑपरेशनल एक्सपेंडिचर में कमी की योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है। ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि इस बचत का कुछ हिस्सा इस तिमाही में दिख सकता है। चतुर्वेदी ने कहा कि कंपनी के लगभग 4,000 स्टोर्स का सेल्स में योगदान है।
केंद्र सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव ( PLI) स्कीम के तहत सब्सिडी हासिल करने वाली यह पहली इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मेकर भी है। देश में ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के लोकलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए यह स्कीम शुरू की गई थी। हाल ही में
Ola Electric ने स्टॉक एक्सचेंज को एक फाइलिंग में बताया था कि उसकी सब्सिडियरी Ola Electric Technologies को मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज से ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स की PLI स्कीम के तहत 73.74 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली है। इस स्कीम की अवधि पांच वर्ष की है और इसके लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया था। इस स्कीम में इससे पहले बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों Tata Motors और Mahindra & Mahindra को सब्सिडी मिली थी।
कॉस्ट में कटौती के लिए ओला इलेक्ट्रिक ने व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन खुद प्रोसेस करने की तैयारी की है। इससे पहले कंपनी ने व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस आउटसोर्स किया हुआ था। कंपनी ने व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन को प्रोसेस करने के लिए एक टीम बनाई है। ओला इलेक्ट्रिक का अनुमान है कि इससे यह कॉस्ट घटकर लगभग 20 प्रतिशत रह जाएगी। कंपनी के एक इलेक्ट्रिक व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के लिए वेंडर Rosmerta को 1,500-1,800 रुपये का भुगतान किया जाता है। ओला इलेक्ट्रिक का अनुमान है कि यह खर्च घटकर लगभग 300 रुपये का हो जाएगा। कंपनी की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल की डिलीवरी जल्द शुरू की जा सकती है।