बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल ओला इलेक्ट्रिक का पिछली तिमाही में लॉस कम रहा है। कंपनी ने बताया कि हाल में सर्विस को लेकर कस्टमर्स की शिकायतें 'मामूली समस्याओं' की वजह से थी। जुलाई-सितंबर तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का कंसॉलिडेटेड लॉस घटकर लगभग 4.95 अरब रुपये का है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह लॉस लगभग 5.24 अरब रुपये का था।
पिछली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 39 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर लगभग 12.14 अरब रुपये पर पहुंच गया। इसे एक लाख रुपये से कम प्राइस वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की बिक्री बढ़ने से मदद मिली है। जुलाई से सितंबर के बीच
ओला इलेक्ट्रिक ने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की 98,619 यूनिट्स की डिलीवरी की है। कंपनी के फाउंडर, Bhavish Aggarwal ने कहा, "सर्विस के सभी निवेदन शिकायतें या प्रोडक्ट को लेकर समस्याएं नहीं हैं। इनमें से बहुत से नियमित मेंटेनेंस के लिए होती हैं। पिछली तिमाही में सर्विस के लिहाज से हमारी कैपेसिटी को लेकर कुछ चुनौती थी। हमारे सर्विस नेटवर्क के एक्सपैंशन की तुलना में हमारी सेल्स तेजी से बढ़ी है।"
ओला इलेक्ट्रिक ने अक्टूबर में 50,000 से ज्यादा यूनिट्स बेची हैं। हालांकि, यह
कंपनी की होलसेल्स है। वाहन पोर्टल के डेटा के अनुसार, पिछले महीने कंपनी की रिटेल सेल्स 41,605 यूनिट्स की रही है। कंपनी ने 30 प्रतिशत से अधिक मार्केट शेयर के साथ इस मार्केट में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। सितंबर की तुलना में इसकी सेल्स 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।
पिछले कुछ महीनों से ओला इलेक्ट्रिक को खराब सर्विस के कारण कस्टमर्स की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कंपनी ने बताया है कि उसने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) के पास दर्ज शिकायतों में से 99 प्रतिशत से अधिक का समाधान कर दिया है। हाल ही में ओला इलेक्ट्रिक ने स्टॉक एक्सचेंज को एक फाइलिंग में बताया था, "कंपनी ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर जरूरी जानकारी और स्पष्टीकरण उपलब्ध कराए हैं।" कंपनी ने बताया था कि CCPA के पास कस्टमर्स की ओर से दर्ज कराई गई लगभग 10,644 शिकायतों में से उसने 99.1 प्रतिशत शिकायतों का समाधान किया है। CCPA ने ओला इलेक्ट्रिक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) को इस मामले का ऑडिट करने का भी निर्देश दिया था।