पिछले कुछ वर्षों में ई-बाइक को रेंट पर देने का बिजनेस बढ़ा है। इस सेगमेंट की बड़ी फर्मों में शामिल Yulu को जल्द ही प्रॉफिट में आने की उम्मीद है। इसने भारत के साथ ही विदेश में भी अपना बिजनेस बढ़ाने की योजना बनाई है। यह फर्म दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में ऑपरेट करती है।
अगले 15 महीनों में
Yulu ने हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद और कोलकाता सहित कई शहरों में बिजनेस शुरू करने की तैयारी की है। यह वाराणसी, आगरा और गोवा जैसे मार्केट्स में स्थानीय कारोबारियों के साथ टाई-अप करने की संभावना भी तलाश रही है। Yulu के CEO, Amit Gupta ने Reuters को बताया, "हम ऐसे शहरों में कम संख्या वाले फ्लीट को चलाने में दिलचस्पी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म देने के लिए तैयार हैं जहां हमारी लंबी अवधि में इसे चलाने की योजना नहीं है।"
केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन व्हीकल्स के लिए सब्सिडी की भी सरकार पेशकश कर रही है। Yulu का Zomato, Swiggy और Zepto जैसी डिलीवरी फर्मों के साथ टाई-अप है। इस सेगमेंट में इसका मुकाबला Zypp Electric और
Ola Electric से है। जापान के SoftBank से फंडिंग हासिल करने वाली ओला इलेक्ट्रिक की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के सेगमेंट में बड़ी हिस्सेदारी है। Yulu के फ्लीट के इस्तेमाल और रेवेन्यू में डिलीवरी से जुड़ी फर्मों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत की है। इस फर्म की शुरुआत छह वर्ष पहले हुई थी। इसने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के अंत तक अपने व्हीकल्स की संख्या चार गुना बढ़ाकर लगभग एक लाख करने का टारगेट रखा है। इसे सितंबर तक प्रॉफिट में आने की उम्मीद है।
इसका लॉस पिछले कुछ फाइनेंशियल ईयर में घटा है। हालांकि, कंपनी ने पिछले फाइनेंशियल ईयर के लिए अपने रिजल्ट की जानकारी नहीं दी है। Yulu की ई-बाइक देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल Bajaj Auto बनाती है। इसकी योजना विदेश में भी अपना बिजनेस ले जाने की है। इसके लिए यह इंडस्ट्री का लंबा अनुभव रखने वाले किसी सीनियर एग्जिक्यूटिव की तलाश कर रही है। इस बारे में गुप्ता ने बताया, "ऐसे देशों में बिजनेस शुरू करना बेहतर होगा जहां EV के लिए पॉलिसी मौजूद है। इन देशों में थाईलैंड और इंडोनेशिया शामिल है।"