क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे आतंकवादी: PM मोदी

मोदी का कहना था कि सायबर हमलों से देशों के सामाजिक ढांचे पर भी असर पड़ सकता है। हाल ही में मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए विस्तृत रूल्स बनाने पर जोर दिया था

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे आतंकवादी: PM मोदी

हाल ही में मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए विस्तृत रूल्स बनाने पर जोर दिया था

ख़ास बातें
  • मोदी ने कहा कि सायबर अटैक से देशों के सामाजिक ढांचे पर भी असर हो सकता है
  • RBI ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने पर जोर दिया था
  • क्रिप्टो सेगमेंट के लिए अंतरराष्ट्रीय रूल्स पर भारत कार्य कर रहा है
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आतंकवादी गुट कट्टरपंथ के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही वे क्रिप्टोकरेंसी, डार्क नेट और मेटावर्स उभरते हुए प्लेटफॉर्म्स का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सायबरक्राइम से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर आपसी सहयोग की जरूरत है। 

एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में मोदी ने बताया कि वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि पिछले चार वर्षों में सायबर हमलों से लगभग 5.2 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है लेकिन इसका केवल वित्तीय असर नहीं है, ये ऐसी एक्टिविटीज से जुड़ा है जो बहुत चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा, "सायबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, मनी लॉन्डिंग से मिलने वाले फंड को ड्रग्स और आतंकवाद में लगाने के लिए नेटवर्क्ड प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल केवल एक शुरुआत है।" मोदी ने बताया कि सायबरस्पेस से अवैध फाइनेंशियल एक्टिविटीज और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को एक नया मोड़ मिला है। 

मोदी का कहना था कि सायबर हमलों से देशों के सामाजिक ढांचे पर भी असर पड़ सकता है। हाल ही में मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए विस्तृत रूल्स बनाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बनाए रखने की जरूरत है। इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने का पक्ष लिया था। मोदी का कहना था कि टेक्नोलॉजीज को लोकतांत्रिक बनाया जाना चाहिए और इन्हें अनदेखा करने के बजाय अपनाने की जरूरत है। भारत की G20 अध्यक्षता के हिस्से के तहत टॉप एजेंडों में क्रिप्टोकरेंसीज का रेगुलेशन भी शामिल है। मोदी ने कहा था कि क्रिप्टो के लिए वैश्विक सहमति के साथ रूल्स बनाए जाने चाहिए जो सभी देशों के लिए समान हों। 

उनका कहना था, "टेक्नोलॉजी में बदलाव की तेज रफ्तार एक वास्तविकता है और इसे अनदेखा करने का कोई मतलब नहीं है। इससे जुड़े रूल्स और फ्रेमवर्क एक देश या देशों के समूह से नहीं जुड़े होने चाहिए।" क्रिप्टो सेगमेंट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू होने वाले रूल्स पर भारत कार्य कर रहा है। इसके लिए G20 में शामिल देशों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) जैसे ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भी G20 देशों की इसमें मदद कर रहे हैं। 

 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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