रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका, नाटो और यूरोपीय यूनियन रूस पर हर तरह से प्रतिबंध लगाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को रूस पर प्रतिबंधों के अपने पांचवें पैकेज में यूरोपीय संघ (EU) ने क्रिप्टो वॉलेट, बैंकों, करेंसी और ट्रस्टों को टार्गेट किया, जो रूसियों को विदेशों में पैसा स्थानांतरित करने में मदद कर सकते हैं। यह कदम केवल कुछ लूपहोल्स (संभावित खामियों) की चिंता को लेकर उठाया गया है, क्योंकि यूरोपीय यूनियन ने पहले ही अपने एक्सचेंज्स को रूस से होने वाले ट्रांजेक्शन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दे दिए थे।
समाचार एजेंसी Reuters के
अनुसार, EU ने क्रिप्टो के जरिए विदेशों में पैसा स्थानांतरित करने से रूस को रोकने के लिए जो प्रतिबंध लगाए थे, उसमें किसी संभावित लूपहोल्स से बचने के लिए संघ ने क्रिप्टो वॉलेट, बैंकों, करेंसी और ट्रस्टों को अपने प्रतिबंधों के पांचवें पैकेज के जरिए फिर से टार्गेट किया है। यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को कहा कि वह क्रिप्टो-वॉलेट में डिपोजि्स पर अपने प्रतिबंध को आगे बढ़ा रहे है। अपने बयान में संघ के एक कार्यकारी ने कहा (अनुवादित) "यह संभावित कमियों को खत्म करने में मदद करेगा।"
रिपोर्ट आगे बताती है कि यूरोपीय संघ ने यह भी कहा है कि वह रूस और बेलारूस को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की किसी भी आधिकारिक करेंसी में मूल्यवर्ग बैंकनोटों या शेयरों जैसे ट्रांस्फरेबल सिक्योरिटी की सेल पर भी प्रतिबंध लगा रहा है। इसने रूसी बैंकिंग क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी के 23 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले VTB सहित चार रूसी बैंकों पर पूर्ण लेनदेन प्रतिबंध की भी पुष्टि की है।
bloc ने कहा कि बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बैंक मैसेजिंग सिस्टम SWIFT से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया है और अब उन्हें यूरोपीय संघ के बाजारों से पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए एसेट फ्रीज के अधीन किया जाएगा। धनी रूसियों को ट्रस्ट्स से भी प्रतिबंधित किया जा रहा है, ताकि उनके लिए यूरोपीय संघ में अपने पैसे को संग्रहीत करना और कठिन हो सके।