खुद को NFT की दुनिया से दूर रखना चाहती है NASA, किएटर्स के लिए जारी की चेतावनी

निश्चित तौर पर NASA द्वारा इस तरह की चेतावनी जारी होना जाहिर था, क्योंकि हाल के दिनों में, कुछ एनएफटी और मेटावर्स प्रोजेक्ट ने नासा के साथ अपने जुड़ाव का हवाला दिया है।

खुद को NFT की दुनिया से दूर रखना चाहती है NASA, किएटर्स के लिए जारी की चेतावनी

NASA ने खुद को फिलहाल metaverse से जुड़ा नहीं बताया है

ख़ास बातें
  • NASA को Logo, तस्वीरों, ऑडियो, वीडियो आदि के NFT कनवर्ज़न से शिकायत
  • एजेंसी अपने सभी कंटेंट को शैक्षिक उद्देश्यों के लिए कराती है उपलब्ध
  • metaverse प्रोजेक्ट में शामिल होने को लेकर भी अभी तक नहीं की है पुष्टि
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दुनिया भर में क्रिप्टो-सपोर्टिंग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain technology) में उछाल देखने को मिल रहा है, और इसी के साथ ब्लॉकचेन से जुड़ी कई गलट गतिविधी भी देखने को मिल रही है। शायद यही वजह है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने स्पष्ट किया है कि वह नहीं चाहती कि उसके किसी भी कंटेंट को डिज़िटल एसेट के तौर पर NFT में बदला जाए या नीलाम किया जाए। एनएफटी या नॉन-फंजिबल टोकन एक डिज़िटल कलेक्शन होता है, जो ब्लॉकचेन पर आधारित होता है। इसमें वीडियो क्लिप, गेम अवतार, आर्टपीस, तस्वीर आदि जैसी कई चीजें शामिल हैं।

NASA ने एक पोस्ट के जरिए चेतावनी जारी की है कि एजेंसी के लोगो (logo), तस्वीरों, ऑडियो रिकॉर्डिंग, वीडियो क्लिप और किसी अन्य प्रकार की फाइलों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा "नासा दिशानिर्देशों के अनुसार अपने तस्वीरों व वीडियो को शैक्षिक और सूचना उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराती है। नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) किसी के स्वामित्व वाले डिज़िटल टोकन होते हैं, जो एक तरह की डिज़िटल संपत्ति है। नासा नहीं चाहती कि इन उद्देश्यों के लिए उसकी संपत्ति का उपयोग किया जाए।"

निश्चित तौर पर NASA द्वारा इस तरह की चेतावनी जारी होना जाहिर था, क्योंकि हाल के दिनों में, कुछ एनएफटी और मेटावर्स प्रोजेक्ट ने नासा के साथ अपने जुड़ाव का हवाला दिया है। अक्टूबर 2021 में इथेरियम-आधारित मेटावर्स - "Mars4" ने लोगों से वादा किया था कि वे उन्हें वर्चुअल दुनिया में रेड प्लेनेट (मार्स) का एक टुकड़ा रखने का मौका देंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉन्च का इंतज़ार कर रहा metaverse, NASA के मंगल ग्रह के भूभाग के 3D मैप पर बनाया गया है।

नासा ने अभी तक इस प्रोजेक्ट में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।
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