भ्रष्टाचार वाले देशों में होता है क्रिप्टो का गैर कानूनी गतिविधियों में अधिक इस्तेमाल

कुछ देशों में सरकारों की ओर से लगाए गए कारोबारी प्रतिबंधों को क्रिप्टोकरेंसीज से चकमा भी दिया जा सकता है

भ्रष्टाचार वाले देशों में होता है क्रिप्टो का गैर कानूनी गतिविधियों में अधिक इस्तेमाल

हाल के महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है

ख़ास बातें
  • क्रिप्टो की लोकप्रियता बढ़ने के नेगेटिव और पॉजिटव दोनों प्रभाव होते हैं
  • रिपोर्ट में सबसे अधिक या कम भ्रष्ट देशों की जानकारी नहीं दी गई है
  • कमजोर देशों में क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल टैक्स बचाने में भी होता है
विज्ञापन
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने दावा किया है कि भ्रष्ट देशों में क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल और लोकप्रियता अधिक है। क्रिप्टो पर IMF की एक स्टडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम वाले देशों में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की जरूरत कम हो सकती है। यह स्टडी 55 देशों में की गई थी और इसमें प्रत्येक देश से 2,000-12,000 लोग शामिल थे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रिप्टो की लोकप्रियता बढ़ने के नेगेटिव और पॉजिटव दोनों प्रभाव होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, "क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल का भ्रष्टाचार अधिक होने और कैपिटल पर कड़े नियंत्रणों से काफी जुड़ाव है।" हालांकि, इस रिपोर्ट में सबसे अधिक या कम भ्रष्ट देशों की जानकारी नहीं दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसीज से कथित तौर पर आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है क्योंकि इससे अपराधियों को पकड़े जाने से बचने में मदद मिलती है। क्रिप्टोकरेंसीज से सरकारों की ओर से लगाए गए कारोबारी प्रतिबंधों को चकमा भी दिया जा सकता है। 

इसके अलावा स्टडी में कहा गया है कि क्रिप्टो एक्सचेंजों और अन्य इंटरमीडियरीज पर नो युअर कस्टमर (KYC) प्रोसेस लागू करने के लिए सरकारों की ओर से क्यों दबाव डाला जा सकता है। KYC से फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिल सकती है। अमेरिका जैसे कुछ देशों ने पहले ही KYC के कड़े नियमों को लागू कर दिया है। हालांकि, कम विकसित देशों में नियमों को ज्यादा सख्त बनाने की जरूरत है। 

किसी देश में अधिक इनफ्लेशन से यह संकेत मिलता है कि उसकी करेंसी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में कम स्थिर है। कमजोर देशों में  क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल टैक्स से बचने के लिए भी किया जाता है। इन देशों में कैपिटल पर कंट्रोल अधिक होते हैं जिससे देश में और उससे बाहर विदेशी फंड के फ्लो पर असर पड़ता है। हाल के महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। रेगुलेटर्स का मानना है कि ऐसी समस्याओं से बचने के लिए इस सेगमेंट की स्क्रूटनी को बढ़ाने की जरूरत है। कुछ देशों ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने पर काम भी शुरू किया है। यूरोपियन यूनियन के रेगुलेटर्स ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने वालों को अपनी पूरी रकम गंवाने के लिए तैयार रहना चाहिए।  
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Sanctions, Government, IMF, America, Regulator, Tax
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus Pad 2 Pro टैबलेट में मिलेगी 16GB रैम, 10,000mAh बैटरी, 80W चार्जिंग स्पीड! लॉन्च से पहले खुलासा
  2. Poco F7 सीरीज की लॉन्च डेट लीक, 120W फास्ट चार्जिंग के साथ इस दिन देगी दस्तक!
  3. OnePlus 13T के डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस का खुलासा, होगा सबसे सस्ता Snapdragon 8 Elite फोन!
  4. Realme P3 Ultra 5G 'चांद' की तरह चमकेगा! 6000mAh बैटरी, 80W चार्जिंग के साथ 19 मार्च को होगा लॉन्च
  5. Oppo A5 Pro 4G फोन आया 8GB रैम, 5800mAh बैटरी, 45W चार्जिंग के साथ, जानें कीमत
  6. Ola Holi Flash Sale: इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदें Rs 27 हजार तक सस्ते, Rs 10,500 के एक्स्ट्रा बेनिफिट भी!
  7. स्मार्टवॉच की इंटरनेशनल सेल्स पहली बार घटी, Xiaomi की मजबूत ग्रोथ
  8. Ola Electric में वर्कर्स की छंटनी, खर्च में कटौती से होगी 90 करोड़ रुपये प्रति माह की बचत
  9. Asus TUF Gaming F16: RTX 3050A GPU, 16GB RAM, 144Hz डिस्प्ले वाला लैपटॉप भारत में लॉन्च, जानें कीमत
  10. Android 15 और कई AI फीचर के साथ भारत में लॉन्च होगा Infinix Note 50x 5G
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »