क्रिप्टोकरेंसीज पर भारत में कसा शिकंजा, लागू होंगे मनी लॉन्ड्रिंग कानून

क्रिप्टोकरेंसीज पर मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने इसे लेकर 7 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी किया है

क्रिप्टोकरेंसीज पर भारत में कसा शिकंजा, लागू होंगे मनी लॉन्ड्रिंग कानून

देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट नहीं है

ख़ास बातें
  • देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कानून नहीं बना है
  • क्रिप्टोकरेंसीज के खिलाफ RBI ने कई बार चेतावनी दी है
  • RBI का कहना है कि ये पॉन्जी स्कीम के जैसी हैं
विज्ञापन
भारत में क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रेडिंग पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानून लागू होंगे। केंद्र सरकार ने इसे लेकर 7 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें बताया गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और सामान्य करेंसीज के बीच एक्सचेंज, एक या अधिक वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के बीच एक्सचेंज और डिजिटल एसेट्स का ट्रांसफर मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत आएगा। 

वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को सुरक्षित रखने और इनसे जुड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज की पेशकश और बिक्री भी इसमें शामिल होगी। देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कानून नहीं बना है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कई बार चेतावनी दी है।  RBI का कहना है कि इन पर बैन लगना चाहिए क्योंकि ये पॉन्जी स्कीम के जैसी हैं। क्रिप्टोकरेंसीज के लिए मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े रूल्स लागू करने से देश से बाहर इनके ट्रांसफर की मॉनिटरिंग करने का अधिकार मिलेगा। G-20 की अध्यक्षता रखने वाले भारत ने इस सेगमेंट के कारण बढे रिस्त से निपटने के लिए एक ग्लोबल एग्रीमेंट पर जोर दिया है। 

पिछले वर्ष के अंत में RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कोई वैल्यू नहीं जुड़ी और यह मैक्रो इकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के लिए रिस्क है। इससे पहले भी RBI की ओर से क्रिप्टो पर बैन लगाने की मांग की जा चुकी है। RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में लगभग चार वर्ष पहले सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी। हालांकि, लगभग दो वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने RBI के इस सर्कुलर को खारिज कर दिया था। 

देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसीज पर तैयार किए जा रहे कंसल्टेशन पेपर के लिए वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से भी इनपुट लिए जा रहे हैं। पिछले वर्ष जारी हुई फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (FSR) में कहा गया था कि फाइनेंशियल सिस्टम के अधिक डिजिटलाइज्ड होने के साथ सायबर रिस्क भी बढ़ रहे हैं और इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इसमें बताया गया था कि क्रिप्टोकरेंसीज एक स्पष्ट खतरा है। किसी भी चीज की वैल्यू अगर किसी एसेट के आधार के बिना केवल विश्वास पर होती है तो वह सट्टेबाजी है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में कारों पर 100 प्रतिशत के इम्पोर्ट टैरिफ पर Elon Musk की Tesla को ऐतराज
  2. Honor Band 10 स्मार्टबैंड में मिलता है 14 दिन की बैटरी बैकअप और AMOLED डिस्प्ले, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  3. 20 साल पहले आज ही के दिन यूट्यूब पर अपलोड हुआ था पहला वीडियो, जिसने बदल दी कंटेंट की दुनिया
  4. Samsung Galaxy M56 5G की आज से सेल शुरू, Rs 3 हजार के डिस्काउंट पर खरीदने का मौका
  5. सेमीकंडक्टर बनाने वाली Intel में होगी हजारों वर्कर्स की छंटनी
  6. AI हर बीमारी का इलाज कर सकता है? DeepMind के CEO ने किया चौंकाने वाला दावा
  7. चीन ने शुरू कर दिया दुनिया का पहला 10G नेटवर्क, इस शहर से हुई शुरुआत
  8. Honor ने लॉन्च किया GT Pro, ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Meta ने नया वीडियो क्रिएशन ऐप Edits किया लॉन्च, वीडियो प्रोडक्शन होगा शानदार
  10. Samsung Galaxy M36 6GB रैम, Exynos प्रोसेसर के हुआ Geekbench पर टेस्ट, जल्द होगा लॉन्च!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »