अमेरिका में क्रिप्टो माइनिंग से बजी पॉल्यूशन के खतरे की घंटी

अमेरिका में साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफिस ने कहा है कि Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग से क्लाइमेट चेंज से निपटने की कोशिशों को झटका लग सकता है

अमेरिका में क्रिप्टो माइनिंग से बजी पॉल्यूशन के खतरे की घंटी

क्रिप्टो माइनिंग से हो रहे पॉल्यूशन को कम करने के लिए कदम उठाने की जरूरत बताई गई है

ख़ास बातें
  • क्रिप्टो माइनिंग से क्लाइमेट चेंज से निपटने की कोशिश को झटका लग सकता है
  • अमेरिका के टेक्सस में बड़े पैमाने पर बिटकॉइन की माइनिंग होती है
  • बिटकॉइन माइनिंग से टेक्सस में इलेक्ट्रिसिटी की काफी बढ़ी है
विज्ञापन
पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो माइनिंग से एनवायरमेंट को हो रहे नुकसान को लेकर कुछ देशों ने चेतावनी दी है। अमेरिका में व्हाइट हाउस के साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफिस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग से क्लाइमेट चेंज से निपटने की कोशिशों को झटका लग सकता है।

रिपोर्ट में क्रिप्टो माइनिंग से हो रहे पॉल्यूशन को कम करने के लिए कदम उठाने की जरूरत बताई गई है। इसमें कहा गया है कि सरकार को इसमें होने वाली इलेक्ट्रिसिटी की खपत का विस्तृत डेटा एकत्र करने के साथ ही इसके लिए मापदंड तय करने के लिए राज्यों और क्रिप्टो इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, "इस्तेमाल की जा रही टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण क्रिप्टोकरेंसीज से अमेरिका की क्लाइमेट चेंज से निपटने की प्रतिबद्धता और लक्ष्यों को पूरा करने में रुकावट आ सकती है।" रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में क्रिप्टो इंडस्ट्री घरों में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर्स के लगभग समान इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल कर रही है। 

मार्च में अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden ने क्रिप्टोकरेंसीज पर एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर के हिस्से के तौर पर यह स्टडी करने का ऑर्डर दिया था। कुछ अन्य सरकारी एजेंसियां इस समस्या से निपटने के तरीकों के बारे में सुझाव दे सकती हैं। बिटकॉइन की माइनिंग का हब माने जाने वाले अमेरिका के राज्य टेक्सस में हाल ही में गर्मी बढ़ने से इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई पर असर पड़ा था। इस कारण से बिटकॉइन की माइनिंग करने वाली बहुत सी फर्मों ने अपना कामकाज रोक दिया था। टेक्सस में माइनिंग दोबारा शुरू हो गई है। 

क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत करने वाले कंप्यूटर्स का इस्तेमाल होता है। इसमें ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए मैथमैटिक्स की पजल्स को कंप्यूटर सिस्टम्स पर सॉल्व करना होता है। पजल को पहले सॉल्व करने वाले माइनर को रिवॉर्ड के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी दी जाती है। पिछले वर्ष चीन में सरकार की ओर से क्रिप्टो से जुड़ी सभी एक्टिविटीज पर पाबंदियां लगाने के बाद टेक्सस बिटकॉइन माइनिंग के हब के तौर पर उभरा है। चीन की ओर से क्रिप्टो माइनिंग पर रोक लगाने का बड़ा कारण इसमें इलेक्ट्रिसिटी का अधिक इस्तेमाल होना था। 

 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Report, Bitcoin, Mining, Transactions, Electricity, America
आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Honor 400 Lite में होगा iPhone जैसा कैमरा फीचर! कलर वेरिएंट्स के साथ प्राइस भी लीक
  2. Redmi लाई अपनी पहली किड्स स्मार्टवॉच, 5MP कैमरा, 4GB स्टोरेज से लैस, 20 मीटर गहरे पानी में भी चलने का दावा!
  3. 286 दिन बाद सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी, स्पेस स्टेशन से 17 घंटे का तय किया सफर!
  4. एलन मस्क की Starlink के लिए भारत में पॉजिटिव संकेत, सरकार ने कहा, सैटेलाइट इंटरनेट जरूरी
  5. Xiaomi 16 में हो सकता है बड़ा डिस्प्ले, पेरिस्कोप कैमरा
  6. Grok AI अपनी मजेदार देसी हिंदी भाषा के साथ भारत में मचा रहा है तहलका! X पर आई मीम की बाढ़
  7. boAt की 15 दिन की बैटरी लाइफ वाली Storm Infinity स्मार्टवॉच भारत में 25 मार्च को होगी लॉन्च! स्पेसिफिकेशन्स हुए कंफर्म
  8. Apple के फोल्डेबल iPhone का प्राइस Samsung के Galaxy Z Fold 6 से हो सकती है महंगा
  9. Tata Motors के EVs अगले महीने से होंगे महंगे, जल्द लॉन्च होगा Harrier का इलेक्ट्रिक वर्जन
  10. UPI में बड़ा बदलाव: स्कैम को रोकने के लिए हटाया जा रहा है यह फीचर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »