पिछले कुछ सप्ताह से क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में सोमवार को मामूली गिरावट थी। अमेरिका में प्रेसिडेंट Donald Trump के टैरिफ से जुड़े फैसलों और मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों का इस मार्केट पर असर पड़ रहा है।
इस रिपोर्ट को पब्लिश किए जाने पर इंटनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज
Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 0.27 प्रतिशत घटकर लगभग 83,630 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 0.16 प्रतिशत का नुकसान था। Ether का प्राइस लगभग 1,907 डॉलर पर था। इसके अलावा Tether, Ripple, Tron और Cardano के प्राइस घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.70 प्रतिशत घटकर लगभग 2.75 लाख करोड़ डॉलर पर था।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन एक कम रेंज में ट्रेड कर रहा है। इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के लिए 84,000 डॉलर का लेवल एक प्रमुख रेजिस्टेंस है और इसके लिए सपोर्ट 80,000 डॉलर पर है। Ether के लिए रेजिस्टेंस लगभग 2,000 डॉलर पर है। अमेरिकी सरकार
बिटकॉइन का रिजर्व बनाने के लिए इसकी होर्डिंग करने की योजना बना रही है। इसके अलावा इस सेगमेंट के लिए रेगुलेशंस भी लाने की तैयारी है। क्रिप्टो मार्केट में ट्रेडर्स की दिलचस्पी घटी है और इस वजह से क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेडिंग वॉल्यूम में कमी हुई है। हालांकि, अमेरिका में इन्फ्लेशन में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होने जैसे मैक्रो इकोनॉमिक संकेतों में सुधार से शॉर्ट-टर्म में इस मार्केट में तेजी हो सकती है।
Ether को लेकर आशंका है और इस वजह से इसमें बिकवाली अधिक हो रही है। स्पॉट एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी कम हुई है। हाल ही में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में क्रिप्टो समिट का आयोजन किया था। इसमें अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की क्रिप्टो टास्क फोर्स को इस सेगमेंट से जुड़े रेगुलेशंस बनाने का निर्देश दिया गया था। इस क्रिप्टो समिट में ट्रंप ने ने कहा था कि पूर्व की Biden सरकार का बड़ी संख्या में Bitcoin को बेचने का फैसला "बेवकूफी" वाला था। उनका कहना था कि अमेरिकी सरकार इस सेगमेंट के खिलाफ ब्यूरोक्रेसी की लड़ाई को बंद करेगी। ट्रंप ने बताया था, "पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी सरकार ने बेवकूफी वाले तरीके से हजारों बिटकॉइन को बेचा है जिनकी वैल्यू अरबों डॉलर की थी। यह बाइडेन सरकार के दौरान हुआ है।"