पिछले कुछ सप्ताह से क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी है। इसके पीछे कुछ देशों के बीच तनाव और मैक्रो इकोनॉमिक कारण हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर सोमवार को लगभग 1.69 प्रतिशत गिरा है। भारतीय एक्सचेंजों पर यह लगभग 2.57 प्रतिशत घटकर लगभग 61,469 डॉलर पर था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस 57,480 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
Ether में 0.11 प्रतिशत की गिरावट थी। Gadgets360 के
क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, Ether का प्राइस लगभग 2,424 डॉलर पर था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह लगभग 2,439 डॉलर का था। Bitcoin Cash, Polkadot, Near Protocol और Polygon के प्राइस भी घटे हैं। तेजी वाली क्रिप्टोकरेंसी में USD Coin और Bitcoin Hedge शामिल थे। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 1.44 प्रतिशत घटकर लगभग 2.02 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो ऐप CoinDCX के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "वीकेंड पर क्रिप्टो मार्केट लगभग फ्लैट था। सितंबर के महीने में इस मार्केट में पिछले कुछ वर्षों में गिरावट रही है। हालांकि, यह ट्रेंड बदल सकता है। इसके पीछे अमेरिका में प्रेसिडेंट का चुनाव, इंटरेस्ट्स रेट्स में कमी की संभावना और ETF में फंडिंग बढ़ना जैसे कारण हो सकते हैं।" केंद्र सरकार की इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है। यूरोपियन यूनियन ( EU) और UAE ने क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े रूल्स बनाए हैं।
हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री Pankaj Chaudhary ने बताया था कि निकट भविष्य में वर्चुअल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने का कोई प्रपोजल नहीं है। सांसद G M Harish Balayogi ने इस सेगमेंट को लेकर सरकार के रुख पर प्रशन किए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार के पास क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के लिए
रूल्स लाने का कोई प्रपोजल है। इसके उत्तर में चौधरी ने कहा था, "वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून लाने का कोई प्रपोजल नहीं है। हालांकि, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग जैसे निगरानी के विशेष उद्देश्यों के लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को अधिकृत किया गया है।" पिछले वर्ष G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने G20 ग्रुप के सभी सदस्यों के लिए क्रिप्टो से जुड़े कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के उद्देश्य से इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) के साथ कोलेब्रेट किया था।