जापान के स्टॉक मार्केट में पिछले कुछ दिनों से जारी वोलैटिलिटी और कुछ अन्य देशों के बीच तनाव का क्रिप्टो मार्केट पर बड़ा असर पड़ रहा है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस CoinMarketCap जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 3.25 प्रतिशत घटकर लगभग 57,261 डॉलर पर था। भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन में लगभग 1.54 प्रतिशत की गिरावट थी और यह लगभग 61,733 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। क्रिप्टो एनालिस्ट्स का कहना है कि गिरावट में व्हेल्स के खरीदारी बढ़ाने से इसके प्राइस में रिकवरी हो सकती है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether में 4.37 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस लगभग 2,415 डॉलर पर था। Avalanche, Cardano, Tron, Polkadot, Solana और Ripple के प्राइस बढ़े हैं। गिरावट वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Binance Coin, USD Coin, Iota और Circuits of Value शामिल थे। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.65 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.02 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज Giottus के CEO, Vikram Subburaj ने बताया, "बिटकॉइन की हिस्सेदारी काफी बढ़ी है और यह 57 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इस सप्ताह की शुरुआत में मार्केट में गिरावट के दौरान बिटकॉइन व्हेल्स ने लगभग 30,000 बिटकॉइन खरीदे थे। इसके साथ ही क्रिप्टो मार्केट में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। इसके पीछे व्हेल्स की एक्टिविटी और इंस्टीट्यूशनल दिलचस्पी बढ़ना प्रमुख कारण हैं।"
देश में सरकार की इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है। यूरोपियन यूनियन ( EU) और UAE ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री Pankaj Chaudhary ने बताया था कि निकट भविष्य में वर्चुअल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने का कोई प्रपोजल नहीं है। सांसद G M Harish Balayogi ने इस सेगमेंट को लेकर सरकार के रुख पर प्रशन किए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार के पास
क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के लिए रूल्स लाने का कोई प्रपोजल है। इसके उत्तर में चौधरी ने कहा था, "वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून लाने का कोई प्रपोजल नहीं है। हालांकि, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग जैसे निगरानी के विशेष उद्देश्यों के लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को अधिकृत किया गया है।"