बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Coinbase ने डिजिटल एसेट्स सेगमेंट में बड़ी गिरावट के कारण अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया है। अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है।
इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है। Coinbase ने इसकी चपेट में आए एंप्लॉयीज को ईमेल के जरिए यह जानकारी दी है। एक्सचेंज के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Brian Armstrong ने एक
ब्लॉग पोस्ट में कहा, "हमारी टीम के साइज को लगभग 18 प्रतिशत कम करने का मुश्किल फैसला लिया गया है। इससे इकोनॉमिक स्लोडाउन के दौरान फर्म की मजबूत स्थिति को पक्का किया जा सकेगा।" उन्होंने एक्सचेंज के लिए हायरिंग की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में बहुत से लोगों को रिक्रूट किया गया था और इससे अब फर्म की एफिशिएंसी पर असर पड़ रहा है।
एक्सचेंज ने हटाए जा रहे एंप्लॉयीज को सेवरेंस पैकेज और हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध कराने का दावा किया है। इससे पहले क्रिप्टो ट्रेडिंग और लेंडिंग प्लेटफॉर्म BlockFi ने लगभग 200 एंप्लॉयीज और क्रिप्टो एक्सचेंज Crypto.com ने लगभग 260 एंप्लॉयीज की छंटनी करने की घोषणा की थी। इन दोनों फर्मों ने वर्कफोर्स घटाने के लिए समान कारण बताए हैं। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 1 लाख करोड़ डॉलर से नीचे आ गया है।
BlockFi के CEO Zac Prince और Crypto.com के प्रमुख Kris Marszalek ने छंटनी से जुड़े फैसले की जानकारी ट्विटर पर दी थी। Prince ने ट्वीट में बताया, "बहुत सी टेक फर्मों की तरह, हमारी फर्म पर भी मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों में बदलाव का असर पड़ा है। इससे हमारा ग्रोथ रेट घटा है। प्रॉफिट में आने के लिए हम टीम का साइज कम करने जैसे उपायों के कॉस्ट को घटा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि मुश्किल के इस दौर में कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स की सैलरी भी कम की गई है। Marszalek ने कहा कि Crypto.com को प्रॉफिट बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने
बताया, "इसका मतलब है कि लंबी अवधि में ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए मुश्किल और जरूरी फैसले करना। इसी वजह से एंप्लॉयीज की संख्या में लगभग 260 की कमी की जा रही है।" क्रिप्टो इंडस्ट्री पिछले कुछ महीनों से मुश्किलों का सामना कर रही है। इसके पीछे बहुत से कारण हैं।