इससे यह संकेत मिलता है कि दुनिया के कई देशों में अथॉरिटीज ने क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की स्क्रूटनी बढ़ाई है। कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कड़े कानून भी बनाए जा रहे हैं
इससे पहले कुछ एसेट्स की लिस्टिंग को लेकर भी SEC की ओर से एक्सचेंज पर कार्रवाई किए जाने की जानकारी मिली थी। SEC का मानना है कि ये सिक्योरिटीज नहीं हैं और इनकी गलत तरीके से लिस्टिंग हुई है
पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज में गिरावट और इस सेगमेंट में दिलचस्पी घटने के कारण एक्सचेंज अपने यूजर्स को बरकरार रखने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं
Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है
Coinbase ने हाल ही में यूजर्स के लिए कॉइन स्टेकिंग पोर्टफोलियो का दायरा बढ़ाया था। एक्सचेंज ने Solana के लिए स्टेकिंग बेनेफिट्स को शुरू किया है, जिससे SOL इनवेस्टर्स को रिवॉर्ड मिलेंगे।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का ट्रेडिंग वॉल्यूम साल की दूसरी तिमाही आधे से भी ज्यादा तक नीचे आ गया और यह 217 बिलियन डॉलर (लगभग 17,25,130 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया
पिछले वर्ष एक्सचेंज का IPO आया था और उसके बाद से इसके शेयर का प्राइस 84 प्रतिशत से अधिक गिरा है। Bitcoin और Ether के प्राइसेज में पिछले कुछ महीनों से गिरावट के कारण Coinbase का शेयर कमजोर हुआ है
क्रिप्टो मार्केट में मंदी के कारण इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था
क्रिप्टो मार्केट में मंदी के कारण इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था
अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ओर से इंटरेस्ट रेट बढ़ाने और मंदी की आशंकाओं के कारण इक्विटी मार्केट में बड़ी गिरावट आई थी। इसके बाद से क्रिप्टोकरेंसीज में भी बिकवाली हो रही है। इससे इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है
कॉइनबेस (Coinbase) द्वारा फंडेड वॉल्ड का मुख्यालय सिंगापुर में है, लेकिन इसके ज्यादातर वर्कफोर्स भारत से ऑपरेट होती है। इसका मतलब यह है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री में चल रही मंदी के बीच इस सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों को नौकरी छूटनी शुरू हो गई है।