मार्केट प्राइस के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में मंगलवार को कुछ गिरावट थी। इसका प्राइस लगभग 1.25 प्रतिशत घटकर लगभग 36,456 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में इसका प्राइस 623 डॉलर कम हुआ है। पिछले कुछ दिनों से बिटकॉइन में तेजी थी और इसने इस महीने का उच्च स्तर बनाया था।
दूसरी सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस 0.42 प्रतिशत बढ़कर 2,052 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में इसमें लगभग तीन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा अधिकतर क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट थी। Binance Coin, Tether, USD Coin, Cardano, Polkadot, Chainlink, Solana और Litecoin के प्राइसेज गिरे हैं। अमेरिका में इकोनॉमी से जुड़े कुछ डेटा जारी होने से पहले
क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी थी।
CoinDCX की रिसर्च टीम ने Gadgets360 को बताया, "अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के डेटा का बिटकॉइन के प्राइस पर असर पड़ सकता है। इस डेटा के पॉजिटिव होने से बिटकॉइन में तेजी आ सकती है और इसके नेगेटिव होने पर क्रिप्टो मार्केट में गिरावट की आशंका है।" इस बारे में CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने कहा, "बिटकॉइन में चार सप्ताह की तेजी के बाद गिरावट है। इस वर्ष ऐसा एक बार ही जनवरी में हुआ है कि जब बिटकॉइन में चार सप्ताह तक लगातार वीकली ग्रीन कैंडल बनी थी। इसके बाद इसमें काफी गिरावट हुई थी। इसके बाद ट्रेंड कुछ तेजी का रहा है। प्रॉफिट की संभावना की वजह से ट्रेडर्स शॉर्ट के बजाय लॉन्ग पोजिशंस अधिक ले रहे हैं।"
बिटकॉइन ने लगभग दो वर्ष पहले लगभग 68,000 डॉलर का हाई लेवल छुआ था। इसके बाद से इसके प्राइस में भारी गिरावट हुई थी। इससे इनवेस्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। कुछ क्रिप्टो फर्मों के दिवालिया होने से भी मार्केट में गिरावट आई थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने की जरूरत बताई थी। उनका कहना था कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बरकरार रखने की जरूरत है। इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स बनाने का पक्ष लिया था। हालांकि, RBI की ओर से क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की भी मांग की गई थी। कुछ देशों में रेगुलेटर्स इस सेगमेंट के लिए रूल्स बना रहे हैं। इससे इस मार्केट में स्कैम के मामलों में कमी हो सकती है और इससे इनवेस्टर्स का भरोसा भी बढ़ सकता है।