बिटकॉइन का प्राइस 51,000 डॉलर से ज्यादा, Ether में भी प्रॉफिट

दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस 0.78 प्रतिशत बढ़ा है। इसका प्राइस लगभग 2,907 डॉलर पर था। देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है

बिटकॉइन का प्राइस 51,000 डॉलर से ज्यादा, Ether में भी प्रॉफिट

क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.05 प्रतिशत बढ़कर 1.97 लाख करोड़ डॉलर पर था

ख़ास बातें
  • पिछले कुछ दिनों से बिटकॉइन का प्राइस 51,000 डॉलर से अधिक पर है
  • देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है
  • कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी भी दी है
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मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस में मंगलवार को लगभग 0.88 प्रतिशत की तेजी थी। यह लगभग 51,577 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। पिछले कुछ दिनों से इसका प्राइस 51,000 डॉलर से अधिक पर है। बिटकॉइन में तेजी के पीछे अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को स्वीकृति मिलना एक बड़ा कारण है। बिटकॉइन ने दो वर्ष पहले लगभग 68,000 डॉलर का हाई लेवल बनाया था।

दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस 0.78 प्रतिशत बढ़ा है। इसका प्राइस लगभग 2,907 डॉलर पर था। इसके अलावा Binance Coin, Ripple, USD Coin, Stellar, Chainlink, Polkadot और Cardano के प्राइस में तेजी थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.05 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.97 लाख करोड़ डॉलर पर था। 

क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन ने एक लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन को पार कर लिया है। इसमें तेजी के साथ मार्केट का सेंटीमेंट भी मजबूत हुआ है। इससे रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ी है।" इस बारे में क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के वाइस प्रेसिडेंट, Rajagopal Menon ने कहा,  "मार्केट में सकारात्मक माहौल से रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। TRX जैसे टोकन्स के प्राइस काफी बढ़े हैं।" 

देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने इस सेगमेंट का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स को निराशा हुई थी। केंद्र सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था। इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज में कमी हुई है। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है। हाल ही में  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी को दोहराया था। RBI का कहना था कि कुछ देशों में इस सेगमेंट को स्वीकृति मिलने के बावजूद इसे लेकर उसकी पोजिशन नहीं बदली है। 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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राधिका पाराशर

राधिका पाराशर के पास Gadgets 360 में वरिष्ठ संवाददाता की पोस्ट है। ये ...और भी

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